रांची में रेत का खेल : 400 रुपए ट्रैक्टर के बालू की रातू में कीमत 7500, पुलिस से उग्रवादी तक करते हैं वसूली
रांची में रात के अंधेरे में खूब हो रहा है रेत का खेल. स्थानीय संगठनों, पुलिस और उग्रवादियों की वसूली भी खूब हो रही है. इसलिए 400 का बालू 7500 रुपए में बिकता है.
टेबल ऑफ कंटेंट्स
रांची, अनुज सिंह : रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र स्थित छापर का दामोदर नदी घाट इन दिनों बालू माफियाओं के लिए सबसे सुरक्षित उत्खनन क्षेत्र बन गया है. इस बालू घाट पर न तो खनन विभाग की नजर है और न ही जिला प्रशासन की. यदि नजर है भी, तो सब कुछ फिक्स है.
रांची में रात के अंधेरे में होता है रेत का खेल
रात के अंधेरे में यहां रेत का खेल शुरू हो जाता है, जो अलसुबह तक चलता है. बालू तस्कर छापर समेत किरिगढ़ा और चुरुगढ़ा के आसपास की नदियों से बेखौफ होकर बालू निकालते हैं. इसके बाद इस बालू को रांची, पतरातू और केरेडारी भेजते हैं. इन इलाकों में कई स्थानों पर बालू के लिए डंपिंग यार्ड भी बनाये गये हैं, जहां से रांची समेत आसपास के इलाकों में बालू की सप्लाई होती है.
स्थानीय संगठनों से लेकर उग्रवादी एवं पुलिस का कमीशन तय
इस अवैध कारोबार में स्थानीय संगठनों से लेकर कई पुलिसकर्मियों का कमीशन तय है. रात के 11:00 बजे से तड़के 5:00 बजे तक एक फिक्स कमीशन देने के बाद प्रति ट्रैक्टर की दर से बालू के परिचालन की छूट है. सुबह 6:00 बजे के बाद बालू की ढुलाई होती है, तो कार्रवाई होती है, ताकि प्रशासनिक अधिकारियों की नजर में रहे कि अवैध बालू की ढुलाई पर पुलिस कार्रवाई कर रही है.
प्रति माह 5.25 करोड़ रुपए के बालू की होती है तस्करी
एक अनुमान के मुताबिक, छापर से रातू तक रोजाना बालू का ट्रांजैक्शन 17.50 लाख रुपये के करीब होता है. इस हिसाब से प्रतिमाह 5.25 करोड़ रुपये के अवैध बालू की ढुलाई छापर से रातू के बीच हो रही है.
जगह-जगह कमीशन का खेल
जानकारी के अनुसार, छापर स्थित दामोदर नदी से रातू तक रात भर में करीब 250 से 300 ट्रैक्टर बालू की तस्करी होती है. 45 किमी की दूरी के बीच 3 थानों (बुढ़मू, ठाकुरगांव, रातू) से होकर ट्रैक्टर गुजरते हैं. छापर के दामोदर नदी से सबसे पहली वसूली छापर गांव के दबंग लोग करते हैं.
छापर में 400 रुपए में ट्रैक्टर पर लोड होता है बालू
वहां बालू लोड करने के लिए प्रति ट्रैक्टर 400 रुपये तय है. वहां से उग्रवादी संगठनों और कई पुलिसकर्मियों को कमीशन देने के बाद बालू को रातू भेजा जाता है, जहां इसकी कीमत बढ़कर करीब 7500 रुपये प्रति ट्रैक्टर हो जाती है. रातू में टेंडर बगीचा समेत आसपास के क्षेत्रों में कई डंपिंग यार्ड बनाये गये हैं, जहां बालू का भंडारण होता है. इसके बाद यहां से बालू की सप्लाई होती है.
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