राज्य के विभिन्न जिलों में जमकर बालू की तस्करी हुई. लेकिन पुलिस सिर्फ करीब 8,95,91,400 रुपये कीमत की बालू ही पकड़ सकी. इस बात की पुष्टि बालू तस्करी के खिलाफ पुलिस और प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई को लेकर तैयार आंकड़ों से होती है.
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 के अगस्त माह तक पुलिस और प्रशासन ने बालू तस्करी के खिलाफ 903 जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने 725 केस दर्ज कर 430 लोगों को गिरफ्तार किया. वहीं छापेमारी के दौरान 1558 छोटी-बड़ी बालू लदी गाड़ियां जब्त की गयी. इनसे करीब 17,91,828 सीएफटी बालू बरामद किये गये. बरामद बालू के आंकड़ों के अनुसार एक सीएफटी बालू की सरकारी कीमत करीब 4.53 रुपये है.
एक हाइवा में करीब 500 सीएफटी बालू लोड किया जाता है. इसलिए बरामद बालू के आंकड़ों के अनुसार पुलिस प्रशासन ने करीब 3,583 हाइवा लोड बालू बरामद किया. खुले बाजार में एक हाइवा बालू की कीमत करीब 25 हजार रुपये होती है. इस प्रकार 3,583 हाइवा बालू की कीमत करीब 8,95,91,400 रुपये हुई. आंकड़ों पर कहा जा सकता है कि जमकर बालू तस्करी हुई.
बालू उठाव के लिए मुख्य घाट या नदियां गढ़वा, पलामू, देवघर और रांची में हैं. पलामू रेंज के लातेहार, रांची रेंज में खूंटी, लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा है. हजारीबाग रेंज में हजारीबाग, गिरिडीह, रामगढ़ और चतरा जिला, कोयला रेंज में धनबाद और बोकारो, कोल्हान रेंज में जमशेदपुर, सरायकेला- खरसावां और चाईबासा जिला के अलावा संताल परगना रेंज के देवघर, दुमका, पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा में बालू है. इन इलाके में अवैध तरीके से बालू का उठाव होता है.