रांची में बालू टेंडर का मामला फिर फंसा, कमेटी ने जताया इस बात पर एतराज
सूत्रों ने बताया कि जारी किये गये टेंडर के हर पेज पर डिजिटल सिग्नेचर नहीं है, जिस पर टेंडर कमेटी ने एतराज जताया है. फिलहाल टेंडर कमेटी पूरे कागजात की जांच कर रही है.
रांची : रांची जिले के बालू घाटों का का टेंडर का मामला फिर फंस गया है. इसे अब टेंडर मूल्यांकन कमेटी के पास भेजा गया है. कमेटी से इसकी मंजूरी मिलने के बाद ही टेंडर को वैध माना जायेगा. गौरतलब है कि दो नवंबर को रांची जिले के 19 बालू घाटों के लिए चयनित माइंस डेवलपर ऑपरेटर (एमडीओ) के बीच फाइनेंशियल बिड के लिए टेंडर जारी किया गया था. 10 नवंबर को देर रात तक बोली लगायी गयी. सभी 19 घाटों के लिए एल-वन एमडीओ चयनित कर लिये गये हैं. इसकी सूची जेएसएमडीसी को भेजी गयी. इसके बाद रांची डीसी ने टेंडर कमेटी को टेंडर की पूरी प्रक्रिया की जांच का आदेश दिया.
डिजिटल सिग्नेचर नहीं होने पर कमेटी को एतराज :
सूत्रों ने बताया कि जारी किये गये टेंडर के हर पेज पर डिजिटल सिग्नेचर नहीं है, जिस पर टेंडर कमेटी ने एतराज जताया है. फिलहाल टेंडर कमेटी पूरे कागजात की जांच कर रही है.
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इन घाटों के लिए निकला था टेंडर :
कांची नदी के पंगरू बेड़ेडीहा, सोमाडीह, गोमियाडीह, सुतीलांग, सुमनडीह, लोवाहातू, सारजमडीह, करांबू, तुंजू व अनेरडीह, स्वर्णरेखा नदी के श्यामनगर, चोकेसरंग, डुंबरबेड़ा, सुंडील, पकारो नदी के बसंतपुर, चेटी नदी के परा, सपही नदी के चुरी व राय घाटों के लिए टेंडर निकला था.