Education News : संस्कृत प्राचीन भाषा के साथ-साथ व देववाणी भी है : डॉ राजकुमार
डोरंडा कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजकुमार शर्मा ने कहा है कि प्राचीन काल से ही भारत की सभ्यता अरब, ग्रीक तथा रोमन सभ्यता के साथ साझा रही है.
रांची (विशेष संवाददाता). डोरंडा कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजकुमार शर्मा ने कहा है कि प्राचीन काल से ही भारत की सभ्यता अरब, ग्रीक तथा रोमन सभ्यता के साथ साझा रही है. इससे स्पष्ट है कि इन सभ्यताओं के बीच मेडिटेरियन सागर पर व्यापार के साथ-साथ शब्दों, भाषाओं और सभ्यता का भी आदान-प्रदान होता था. इसी कारण अरबी, लैटिन और संस्कृत शब्दावली में समानता है. संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन भाषा है और देववाणी है. डॉ कुमार सोमवार को रांची विवि अंतर्गत पीजी उर्दू विभाग में भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे. ह्यूमिनिटिज की डीन प्रो अर्चना दुबे ने कहा कि शोधार्थियों को संस्कृत के श्लोकों से प्रेरित किया और यह समझाने का प्रयास किया कि यजुर्वेद भारत की प्राचीनतम चिकित्सा शास्त्र का ग्रंथ है. जिसमें सभी रोगों का इलाज मौजूद है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ मो रिजवान अली ने कहा कि संस्कृत के अलावा भी भारतीय विज्ञान की विभिन्न शाखाएं हैं. सिंधु घाटी की सभ्यता को भारत की प्राचीन परंपराओं से नहीं हटाया जा सकता. वैदिक सभ्यता से पहले भारत में जो प्रागैतिहासिक स्रोत विद्यमान हैं, उनसे भी हम ज्ञान परंपरा पर विमर्श स्थापित कर सकते हैं. इस अवसर पर डॉ शकील अहमद खान, डॉ आगा जफर हसनैन, डॉ पूनम सहाय, डॉ शिव प्रकाश सिंह, डॉ सुमित डे ने भी अपने विचार रखे. इस अवसर पर कई शिक्षक, शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है