रांची विवि और डीएसपीएमयू में नहीं आते हैं संस्कृत के विद्यार्थी, सीटें रह जाती हैं खाली
रांची विवि और डीएसपीएमयू में नहीं आते हैं संस्कृत के विद्यार्थी, सीटें रह जाती हैं खाली
रांची : रांची विश्वविद्यालय और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में संस्कृत विषय में स्नातक और स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई होती है. लेकिन स्नातकोत्तर स्तर पर नामांकन के समय आधी सीटें खाली रह जाती हैं. विद्यार्थी नामांकन के लिए आवेदन तो करते हैं, लेकिन नामांकन नहीं लेते. दूसरी ओर से संस्कृत के शिक्षकों की भी कमी है.
वर्तमान में रांची विवि में संस्कृत के कुल 22 शिक्षक हैं. मारवाड़ी कॉलेज में एक भी संस्कृत शिक्षक नहीं है, जिस कारण इस सत्र में संस्कृत विषय में नामांकन नहीं लिया जा रहा है. रांची विवि पीजी में 70 सीटें, 35 पर नामांकन रांची विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में 70 सीटें हैं, लेकिन 2019 में सिर्फ 35 विद्यार्थियों ने ही नामांकन लिया था. वहीं रांची वीमेंस कॉलेज में भी दो शिफ्ट मिलाकर 120 सीटें हैं, लेकिन 2019 में सिर्फ 27 छात्राओं ने ही यहां नामांकन लिया था. इस कारण सिर्फ एक शिफ्ट ही पढ़ाई हो पाती है.
विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण ने बताया कि पहले की तुलना में अब अधिक छात्राएं संस्कृत में नामांकन लेती हैं. डीएसपीएमयू के पीजी में कम आते हैं विद्यार्थीडॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर संस्कृत की पढ़ाई होती है. स्नातक में 60 सीटें हैं और स्नातकोत्तर में 40 सीटें. वहीं स्नातक में पिछले सेशन में 50 विद्यार्थियों ने नामांकन लिया था, जबकि स्नातकोत्तर में सिर्फ 12 विद्यार्थियों ने ही नामांकन लिया था.