झारखंड हाइकोर्ट ने 721 स्पेशल ऑक्जिलरी पुलिस (सैप) कर्मियों को हटाये जाने के आदेश पर रोक लगा दी है. बुधवार को चमरा भेंगरा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने यह आदेश दिया. अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई के लिए पांच अक्तूबर की तिथि तय की गयी है.
याचिका में सैप कर्मियों की सेवानिवृत्ति उम्र से पहले राज्य सरकार द्वारा हटाये जाने के आदेश को चुनौती दी गयी है. राज्य सरकार ने 27 अगस्त 2023 को आदेश जारी किया कि सैप-1 और सैप-2 में कार्यरत 721 कर्मियों की सेवा 31 अगस्त 2023 से समाप्त की जा रही है. याचिका में सरकार के इसी आदेश को चुनौती दी गयी है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया कि वर्ष 2008 से चमरा भेंगरा सहित अन्य सेवानिवृत्त सेना के जवान सैप में संविदा पर नौकरी कर रहे हैं.
राज्य सरकार में सेवानिवृत्ति उम्र 60 वर्ष निर्धारित है, लेकिन सेवानिवृत्ति उम्र से पहले संविदा पर नियुक्त जवानों को हटाया जा रहा है. अदालत को बताया गया कि सीसीएल द्वारा भी सैप जवान की मांग की गयी है. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में सेवानिवृत सेना के जवानों को अच्छा काम करने का अनुभव प्राप्त है. याचिका में अदालत से इन्हें 60 वर्ष से पहले नहीं हटाने के लिए सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया गया है. साथ ही सैप कर्मियों के हटाने के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया गया है.