फैशन के रंग में सराबोर प्रकृति पर्व सरहुल, ट्राइबल ज्वेलरी बना रही दीवाना
सरहुल पर फैशन के रंग में सराबोर है. ट्राइबल आउटफिट और ज्वेलरी का क्रेज बढ़ा हुआ है. झारखंड में 11 अप्रैल को सरहुल शोभायात्रा निकाली जाएगी.
Table of Contents
झारखंड का पूरा प्रांगण प्रकृति पर्व सरहुल के रंग में भीग गया है. झारखंडी युवा भी सरहुल के रंग में सराबोर दिख रहे हैं. पारंपरिक परिधान को लेकर जबरदस्त क्रेज दिख रहा है. इस वर्ष सरहुल महोत्सव में झारखंडी फैशन की झलक दिखेगी.
सरहुल में नाचते-गाते युवक पहुंचते हैं अखड़ा
हर वर्ष लाल पाढ़ साड़ी पहनी युवतियां और धोती-गंजी में हाथ जोड़ कर नाचते-गाते युवक अखड़ा पहुंचते हैं. अब युवाओं ने झारखंड के परिधानों को विश्व पटल में पहचान दिलाने के लिए पारंपरिक परिधानों को नये कलेवर के संग पेश किया है.
आधुनिक फैशन के साथ संस्कृति को संजोकर रखने की कोशिश
आधुनिक फैशन के संग अपनी संस्कृति को संजोकर रखने की कोशिश की जा रही है. यही कारण है कि झारखंडी मूल के युवा डिजाइनरों और बुनकरों ने सरहुल पर संस्कृति के अनुरूप परिधानों को डिजाइन किया है. दूसरी ओर नये कलेवर में तैयार ट्राइबल परिधानों की जबरदस्त बिक्री हो रही है. युवा ईके कहें ना असल फैशन के स्लोगन के साथ इन परिधानों को लेकर क्रेजी हो रहे हैं.
ट्राइबल ज्वेलरी बना रही दीवाना
पारंपरिक ट्राइबल आभूषण भी युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं. सरहुल की शोभायात्रा में युवतियां व महिलाएं पारंपरिक ट्राइबल परिधान के साथ आभूषण भी पहनती है. यही कारण है कि बाजार में पारंपरिक आभूषणों की अलग-अलग वेराइटी दिख रही है. इसमें हंसली, चेन, पायल, बिछिया, कानफूल, चंदवा, लांग, पुराना सिक्का हार और झुमका आदि शामिल हैं.
Also Read : सरहुल की तैयारी : सरना झंडों से पटी रांची, 10 को उपवास, जलरखाई और 11 को भव्य शोभायात्रा
इम्ब्रॉयडरी वाली बंडी कुर्ता और जैकेट का क्रेज
आमतौर इससे पहले सरहुल पर बंडी, जैकेट और कुर्ता का क्रेज दिखता था. इस बार आप बंडी कुर्ता और जैकेट को इम्ब्रॉयडरी के साथ देखा जा सकता है. इन कपड़ों पर ट्राइबल प्रिंट और सोहराई पेंटिंग की झलक दिख रही है. रेशम धागा का काम किया गया है. लाल, सफेद और हरे रंगों के धागे से रंग भरने की कोशिश की गयी है.
पेंटेड और प्रिंटेड टी-शर्ट की दीवानगी
इस बार सरहुल और जोहार पेंटेंड टी-शर्ट का काफी क्रेज दिख रहा है. युवा डिजाइनरों से इसे काफी आकर्षक तरीके से बनाया है. इन टी-शर्ट पर सरहुल और जोहार लिख हुआ है, जिससे युवाओं की दीवानगी बढ़ गयी है. इन सरहुल स्पेशल टी शर्ट में प्रकृति की छटा और रंगों की झलक है.
झारखंड में कब है सरहुल?
ज्ञात हो कि सरहुल पर्व की शुरुआत 10 अप्रैल से हो रही है. पहला दिन उपवास और जलरखाई पूजा होगी. 11 अप्रैल को सरहुल की शोभायात्रा निकाली जायेगी. वहीं 12 अप्रैल को फूलखोंसी है. सरहुल को लेकर सरना धर्मावलंबियों में काफी उत्साह है.
इस वर्ष सरहुल पर्व में बिल्कुल अलग दिखने वाली हूं. परिधानों के साथ ट्राइबल गहने भी होंगे. मेरा पूरा परिवार सरहुल पर नये कलेवर के परिधानों में होगा.
अमृता तिर्की, पिस्का मोड़
इस सरहुल एक से बढ़कर एक सरहुल स्पेशल फैशन कलेक्शन देखने को मिल रहे हैं.
मनीषा उरांव, कांटाटोली
मैं ट्राइबल परिधानों को काफी पसंद करता हूं. इससे हम अपनी संस्कृति से जुड़कर रहते हैं. साथ ही कुछ अलग और खास दिखने का अवसर मिलता है.
आशीष तिग्गा, झॉलीवुड एक्टर
ट्राइबल परिधानों की मांग काफी ज्यादा है. मेरा पूरा परिवार बुनकर रहा है. हमारा काम सिमडेगा से शुरू हुआ. सरहुल पर्व के लिए ढेरों कलेक्शन तैयार किये गये हैं.
संगम बड़ाइक
सरहुल पर झारखंडी परिधानों को नये कलेवर के साथ पेश करने की कोशिश की गयी है. सरहुल को लेकर झारखंडी परिधानों की काफी डिमांड है.
अमित भगत