डकरा
सरहुल पर्व लोगों को प्रकृति से जोड़ने का एक माध्यम है. प्रकृति के बगैर जीवन की कोई कल्पना भी नहीं की जा सकती है. उक्त बातें एनके एरिया के महाप्रबंधक सुजीत कुमार ने शनिवार शाम को डकरा-केडीएच स्थित सरना क्लब में आयोजित सरहुल महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि कही. कहा कि कोयलांचल में जहां प्रकृति के विरुद्ध कोयला खदानों में काम होता है, वहां इस प्रकार का आयोजन आम लोगों को प्रकृति से प्रेम और उसके महत्व को बताता है. इसके पहले डकरा सरना स्थल पर शिवचरण पाहन ने बलि देकर विधिवत पूजा-अर्चना की. पूजा के बाद इस वर्ष अच्छे माॅनसून की संभावना बतायी. सरहुल को लेकर शोभायात्रा यात्रा निकाली गयी. जिसमें खोड़हा टीम नृत्य-संगीत के साथ समारोह स्थल तक गयी. अध्यक्षता लालचंद विश्वकर्मा, संचालन रंथू उरांव व धन्यवाद ज्ञापन कन्हाई पासी ने किया. महोत्सव में विशिष्ट अतिथि इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह, रैविमो के एरिया अध्यक्ष बिगन सिंह भोगता, जिप सदस्य नेहा उरांव, मुखिया ललिता देवी, शांति देवी, सुनीता देवी, संतोष कुमार महली, पारसनाथ उरांव, रामलखन गंझू, अशोक लकड़ा, दीपक टाना भगत, अमृत भोगता, जगरनाथ महतो, राजेंद्र उरांव, संतोष कुमार महली, रवि उरांव, राजकुमार मुंडा, रमेश तुरी, जगदीश गंझू, सुनीता उरांव, बंदो उरांव, अनिता गंझू, सुकरा उरांव, तानेश्वर उरांव, अशोक उरांव आदि मौजूद थे.
शराबबंदी का दिखा असर
1991 से डकरा में सरहुल महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. लेकिन पहली बार पूजा और समारोह स्थल पर सख्ती से शराबबंदी लागू की गयी. इसका सकारात्मक असर दिखाई दी और यहां पहुंचे हर कोई पूरे अनुशासन के साथ उत्सव का आनंद लिये.
पार्किंग नहीं रहने से परेशानी
सरहुल महोत्सव इस क्षेत्र का बड़ा आयोजन है. लेकिन सीसीएल प्रबंधन का अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से आनेवाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. आयोजन स्थल का मैदान अतिक्रमण के कारण सिमट रहा है. आसपास ट्रांसपोर्ट सड़क के कारण प्रदूषण से लोग त्रस्त हैं. समारोह स्थल पर पार्किंग व्यवस्था नहीं रहने से और कोयला ढुलाई चालू रहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.