रांची : कोरोना के गंभीर संक्रमितों को सरकारी व निजी अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है. अस्पतालाें का चक्कर लगाने में ही संक्रमितों की मौत हो जा रही है. गुरुवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया. रातू रोड निवासी एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने के बाद देवकमल अस्पताल में भर्ती हुआ.
एसिम्टोमैटिक होने के कारण अस्पताल से जुड़े बैंक्वेट हॉल में रख कर उस व्यक्ति का इलाज किया जाने लगा. गुरुवार को अचानक उसकी तबियत बिगड़ गयी और रिम्स लाने के क्रम में मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, रिम्स के डीसीएचसी विंग के आइसीयू में 25 बेड आवंटित हैं, लेकिन 34 गंभीर संक्रमितों को रखा गया है.
14 अतिरिक्त बेड लगा कर गंभीर संक्रमितों को रखा गया है. वेंटीलेटर पर चार, हाइफ्लो ऑक्सीजन पर 10, इंवेजिव पर पांच, नॉन-इंवेजिव पर पांच, हाइ कंस्ट्रेशन मास्क पर 10 संक्रमितों को रखा गया है. पारस अस्पताल में भी सभी बेड भरे हुए हैं. अन्य अस्पतालों द्वारा भी आइसीयू बेड भरा बताया जा रहा है.
वहीं, बता दें, शुक्रवार को झारखंड में 1245 मरीज स्वस्थ हुए हैं. इनमें बोकारोे से 17, चतरा से 22, देवघर से 30, धनबाद से 107, दुमका से एक, पूर्वी सिंहभूम से 72,गढ़वा से 53, गिरिडीह से 22, गोड्डा व गुमला से 21-21, हजारीबाग से 54, जामताड़ा से चार, खूंटी व कोडरमा से 16-16, लोहरदगा से 18, पाकुड़ से 14, पलामू से 22, रामगढ़ से 189, रांची से 340, साहिबगंज से 55, सरायकेला से 37, सिमडेगा से 32 व प. सिंहभूम से 82 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं.
इधर, रिम्स के माइक्रोबायोलाॅजी विभाग में शुक्रवार को मात्र 174 सैंपल की जांच हुई. इसमें 40 लोग संक्रमित पाये गये. सबसे ज्यादा रिम्स से 31 लोग पॉजिटिव मिले हैं. इनमें डॉक्टर, नर्स व कर्मचारी शामिल हैं. रिम्स का कहना है कि रांची जिला के अलावा अन्य जिलों से भी सैंपल नहीं आया था, जिससे कम जांच हुई है. शुक्रवार को रांची व अन्य जिलों से काफी संख्या में सैंपल आये हैं, इससे शनिवार को जांच का आंकड़ा बढ़ जायेगा.
Post by : Pritish Sahay