Jharkhand News, Ranchi news, Naukari in Jharkhand रांची : झारखंड अब नयी नियमावली के तहत शिक्षकों की नियुक्ति होगी. प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर, विधायक भानु प्रताप शाही की ओर से ध्यानाकर्षण के तहत उठाये गये सवाल पर जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की नियमावली की वजह से 600 से ज्यादा मामले कोर्ट में लंबित हैं. इसके समाधान को लेकर सरकार नयी नियमावली बना रही है. इसी आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.
विधायक भानु प्रताप शाही ने सरकार से टेट पास शिक्षकों की सीधी बहाली रिक्त पदों पर करने की मांग की. कहा कि इसमें विपक्ष भी सहयोग करेगा. इस पर मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में पारा शिक्षक और टेट पास पारा शिक्षकों का क्या हश्र हुआ था. विधायक ने कहा कि टेट पास शिक्षक पिछले एक दशक से पढ़ा रहे हैं. इनके पास काबिलियत भी है. जब पद रिक्त है, तो इनकी सीधी बहाली क्यों नहीं कर दी जाती. फिलहाल राज्य में शिक्षकों के 39 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं. मंत्री ने कहा कि टेट सिर्फ पात्रता परीक्षा है. शिक्षकों की स्थायी बहाली को लेकर नयी नियमावली तैयार की जा रही है. यह प्रक्रियाधीन है.
राज्य के विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के शिक्षकों के रिक्त पदों पर जल्द बहाली होगी. इसे लेकर रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. जब तक स्थायी बहाली की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है, तब तक वर्तमान में अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया जायेगा.
यह बात प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र में विधायक ममता देवी की ओर से ध्यानाकर्षण के तहत उठाये गये सवाल पर कही. विधायक ने कहा कि शिक्षकों के पद रिक्त होने की वजह से क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है. अलग-अलग भाषाओं में शिक्षकों के कई पद रिक्त हैं. फिलहाल अनुबंध पर रखे गये शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई हो रही है. इनका भी कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त होने जा रहा है. ऐसे में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की पढ़ाई ठप हो जायेगी. इसलिए रिक्त पदों पर बहाली की जाये. साथ ही अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया जाये.
राज्य के गैर सरकारी सहायता प्राप्त मदरसा के सेवानिवृत्त शिक्षकों को पेंशन नहीं मिलेगी. प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर विधायक बंधु तिर्की की ओर से ध्यानाकर्षण सूचना के तहत उठाये गये सवाल पर बोल रहे थे. मंत्री ने कहा कि इनकी नियुक्ति स्थायी नहीं है. एेसे में इन्हें पेंशन की सुविधा नहीं दी जा सकती है. सरकार की ओर से इसे लेकर वर्ष 2018 में समिति का गठन किया गया था.
इसकी रिपोर्ट को आधार बना कर सरकार ने यह फैसला लिया है. विधायक ने कहा कि राज्य में 186 गैर सरकारी सहायता प्राप्त मदरसा हैं. क्या सरकार इससे सेवानिवृत्त होनेवाले शिक्षकों को पेंशन देना चाहती है? उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में मदरसा शिक्षकों की उपेक्षा की गयी है.
राज्य में प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालय तक में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. सरकार द्वारा इस वर्ष नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है. प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालयों तक में शिक्षकों के 39408 पद रिक्त हैं. राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में इंटर प्रशिक्षित शिक्षकों के 17835, मध्य विद्यालय में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के 4893, हाइस्कूल में 13616 व प्लस टू विद्यालय में 3064 पद रिक्त हैं.
प्राथमिक विद्यालय 17835
मध्य विद्यालय 4893
उच्च विद्यालय 13616
प्लस टू विद्यालय 3064
कुल 39408
Posted By : Sameer Oraon