रांची : रांची विश्वविद्यालय सिंडिकेट ने राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति अब झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) से कराने के निर्णय को खारिज कर दिया है. सिंडिकेट के सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय एक्ट के अनुसार कर्मचारी नियुक्ति का अधिकार कुलपति में निहित है. ऐसे में एक सरकारी आदेश से एक्ट में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है. प्रभारी कुलपति डॉ कामिनी कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई रांची विवि के सिंडिकेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. उच्च शिक्षा निदेशालय को इस निर्णय से अवगत कराया जायेगा.
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बैठक के दौरान छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. यह कमेटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पिछले 10 वर्षों से विवि में अनुबंध पर कार्यरत कंप्यूटर अॉपरेटर व तृतीय वर्ग कर्मचारियों की सेवा समंजन के निर्णय का अध्ययन करेगी. इस कमेटी में डीएसडब्ल्यू डॉ पीके वर्मा, मानव संसाधन विकास केंद्र के निदेशक डॉ ज्योति कुमार, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ प्रीतम कुमार, डॉ अजय लकड़ा, रामलखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार और सिंडिकेट सदस्य अर्जुन कुमार को शामिल किया गया है.
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कंप्यूटर ऑपरेटर और कर्मचारियों को नियमित करने के लिए बनी कमेटी
बर्खास्त शिक्षकों पर होगी प्राथमिकी
सिंडिकेट ने फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करनेवाले केसीबी कॉलेज बेड़ो के बरखास्त तीन शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय लिया है. इनमें डॉ उमेश नाथ तिवारी, डॉ जमील असगर और डॉ प्रतिमा कुमारी शामिल हैं.
Post by : Pritish Sahay