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Sarkari Naukri 2021: जेपीएससी परीक्षा से कई अभ्यर्थी हो सकते हैं वंचित, जानिये क्या है नयी नियमावली

JPSC Exam, JPSC Exam latest update: जेपीएससी में नयी नियमावली के तहत उम्र की गणना होने के कारण चार सिविल सेवा परीक्षा (2017, 2018, 2019 व 2020) में कई अभ्यर्थी शामिल होने से वंचित हो सकते हैं. छठी सिविल सेवा परीक्षा में सफल नहीं होनेवाले उम्मीदवार आगे की परीक्षा के लिए तैयारी तो कर रहे हैं, लेकिन उम्र सीमा की गणना को लेकर चिंतित हैं.

JPSC Exam, JPSC Exam Latest News Update: संजीव सिंह, रांची : जेपीएससी में नयी नियमावली के तहत उम्र की गणना होने के कारण चार सिविल सेवा परीक्षा (2017, 2018, 2019 व 2020) में कई अभ्यर्थी शामिल होने से वंचित हो सकते हैं. छठी सिविल सेवा परीक्षा में सफल नहीं होनेवाले उम्मीदवार आगे की परीक्षा के लिए तैयारी तो कर रहे हैं, लेकिन उम्र सीमा की गणना को लेकर चिंतित हैं. छठी सिविल परीक्षा (2016) में उम्मीदवारों के हित में अधिकतम उम्र सीमा की गणना एक अगस्त 2010 से की गयी था.

: इसमें सामान्य जाति के अधिकतम उम्र सीमावाले वैसे अभ्यर्थी जिनकी उम्र 35 वर्ष थी, वह छठी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए. वहीं 2021 में होनेवाली परीक्षा में वैसे अभ्यर्थी की उम्र (2010 के अनुसार) बढ़ कर 46 साल हो जायेगी, जबकि नियमावली में 2021 तक अधिकतम उम्र सीमा (सामान्य जाति) 35 वर्ष ही है. सबसे अधिक परेशानी आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को हो सकती है.

किसी एसटी उम्मीदवार के छठी सिविल सेवा परीक्षा फॉर्म भरने के समय अगर अधिकतम उम्रसीमा एक अगस्त 2010 को 40 वर्ष होगी, तो 11 वर्ष बाद उनकी उम्र अब 51 वर्ष हो गयी होगी. इस आधार पर वे भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे. झारखंड गठन के बाद अब तक मात्र छह सिविल परीक्षा ही हो सकी. इससे परीक्षा की तैयारी में लगे युवाओं को मौका मिले बिना उनकी उम्र सीमा खत्म हो जा रही है.

  • उम्र की गणना के आधार पर कई के परीक्षा में शामिल होने से वंचित रहने की आशंका

  • 2017 व 2018 सिविल सेवा परीक्षा में अब आर्थिक रूप से कमजोरों के आरक्षण पर भी लेना होगा निर्णय

  • 2016 में हुई थी छठी जेपीएससी परीक्षा, अब पांच वर्ष बाद हो रही है एक साथ सातवीं से 10वीं तक की परीक्षा

क्या है नयी नियमावली (JPSC Exam New Rule): सातवीं (2017 पीटी), आठवीं (2018), नौवीं( 2019) व 10वीं (2020) की परीक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी नयी नियमावली के अनुसार उम्र की गणना अब विज्ञापन जारी होने के अगले महीने की पहली तारीख से की जायेगी. ऐसे में आयोग जनवरी में विज्ञापन जारी करता है, तो उम्र की गणना एक फरवरी 2021 से की जायेगी. इस स्थिति में अधिकतम उम्र की गणना 2010 के बाद सीधे 2021 होने से बीच के कई उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो सकते हैं. लगभग 11 वर्ष के अंतर में कई उम्मीदवारों की आयु बहुत अधिक हो जायेगी. यानी सामान्य वर्ग के उम्मीदवार जिनकी 2010 में उम्र 35 वर्ष थी, उनकी उम्र अब लगभग 45 से 46 वर्ष हो गयी. ऐसे में वे परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे.

अब तक 252 वैकेंसी मिली है आयोग को : राज्य सरकार द्वारा जेपीएससी को चार सिविल सेवा परीक्षा व नियुक्ति के लिए अब तक 252 वैकेंसी उपलब्ध कराये गये हैं. इनमें झारखंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 44 पद, झारखंड पुलिस सर्विस के 40 पद, झारखंड एजुकेशन सर्विस के 41 पद, झारखंड म्यूनिसिपल सर्विस के 65 पद, झारखंड रजिस्ट्रेशन सर्विस के 10 पद, झारखंड होमगार्ड सर्विस के 16 पद, झारखंड प्रोबेशन सर्विस के 12 पद, झारखंड इंप्लायमेंट सर्विस के सात पद, झारखंड प्रिजन सर्विस के दो पद, झारखंड सोशल सिक्यूरिटी सर्विस के दो पद, झारखंड लेबर सर्विस के सात पद, झारखंड को-अॉपरेटिव सर्विस के छह पद शामिल हैं. कार्मिक विभाग द्वारा अौर कुछ विभाग की वैकेंसी शीघ्र भेजे जाने की संभावना है. इसके बाद आयोग परीक्षा विज्ञापन जारी कर देगा.

JPSC Exam Latest Update: नयी नियमावली में क्या है अधिकतम उम्रसीमा – राज्य सरकार द्वारा सिविल सेवा परीक्षा के लिए बनी नयी नियमावली में अधिकतम उम्रसीमा का निर्धारण किया गया है. इसके तहत अनारक्षित (सामान्य) के लिए 35 वर्ष, बीसी वन व बीसी टू के लिए 37 वर्ष, महिला के लिए 38 वर्ष, एसटी/एससी के लिए 40 वर्ष, इडब्ल्यूएस के लिए 35 वर्ष, नि:शक्त को अपने केटोगरी में 10 वर्ष की छूट, एक्स सर्विसमैन के लिए अपने केटोगरी में पांच वर्ष की छूट दी गयी है. इसी प्रकार तीन वर्ष तक सरकारी नौकरी में नियमित रूप से कार्य करनेवाले अभ्यर्थी को अधिकतम उम्रसीमा में पांच वर्ष की छूट दी गयी है.

विज्ञापन रद्द िकया गया था : जेपीएससी द्वारा वर्ष 2020 में सातवीं, आठवीं व नौवीं सिविल सेवा के निकाले गये विज्ञापन में भी अधिकतम उम्र की गणना एक अगस्त 2011 तक की रखी गयी थी. हालांकि बाद में यह विज्ञापन रद्द कर दिया गया था. उम्र सहित कई मुद्दों पर विवाद होने के बाद ही सरकार ने नयी नियमावली बनाने का निर्णय लिया था.

इडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर मंथन : जेपीएससी ने हाइकोर्ट द्वारा इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा में इडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण के मामले में कट अॉफ इयर 2019 के बाद को मानने के मामले में दिये गये फैसले पर भी मंथन कर रहा है. आयोग कानूनी राय भी ले रहा है कि क्या हाइकोर्ट के आदेश से सिविल सेवा परीक्षा 2017 व 2018 की वैकेंसी प्रभावित होगी या नहीं.

मई में हो सकती है प्रारंभिक परीक्षा : जेपीएससी द्वारा चार सिविल सेवा नियुक्ति परीक्षा के जनवरी में विज्ञापन जारी होने पर प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) का आयोजन मई 2021 में किये जाने व रिजल्ट जून में जारी करने की संभावना है. इसके बाद सितंबर 2021 में मुख्य परीक्षा लेने की संभावना है.

Posted by: Pritish Sahay

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