कॉमर्स से स्नातक करने वाले भी मिडिल स्कूल में बन सकेंगे शिक्षक, JTET परीक्षा नियमावली में होगा बदलाव

झारखंड से कॉमर्स स्नातक करने वाले छात्र भी अब मध्य विद्यालय में शिक्षक बन सकेंगे. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इसके लिए झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में बदलाव करेगा. इसके लिए प्रस्ताव पारित कर लिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 11, 2021 11:57 AM

JTET Exam Niyamawali 2021, Jharkhand News रांची : राज्य में कॉमर्स संकाय से स्नातक करनेवाले विद्यार्थी भी अब मध्य विद्यालय (कक्षा छह से आठ) में शिक्षक बन सकेंगे. राज्य में फिलहाल मध्य विद्यालयों में कला, विज्ञान एवं मानविकी संकाय के विद्यार्थियों की ही नियुक्ति होती थी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इसके लिए झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में बदलाव करेगा.

नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया है. संशोधन का प्रस्ताव शिक्षा मंत्री को भेजा गया है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत मध्य विद्यालय में तीन स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. विद्यालयों में विज्ञान, भाषा एवं सामाजिक अध्ययन विषय के शिक्षकों की नियुक्ति होती है. शिक्षक की नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य है.

झारखंड में वर्ष 2012 में पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली बनायी गयी थी. इसके बाद वर्ष 2019 में नियमावली में बदलाव किया गया. दोनों नियमावली में कॉमर्स से स्नातक विद्यार्थियों के लिए प्रावधान नहीं था.

सामाजिक अध्ययन विषय में होगी नियुक्ति :

कॉमर्स से स्नातक विद्यार्थियों की परीक्षा सामाजिक अध्ययन विषय के तहत ली जायेगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा में सामाजिक अध्ययन विषय के शिक्षकों के लिए ली जानेवाली परीक्षा में अब कॉमर्स के विषयों को भी जोड़ा गया है. सामाजिक अध्ययन विषय में अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा का पहले से प्रावधान है, अब इसमें बिजनेस स्टडीज, एकाउंट विषय को भी जोड़ा गया है. इन विषयों की परीक्षा 50-50 अंकों की होगी.

पिछली बार नियुक्ति हुई, फिर हटा दिये गये :

वर्ष 2012 की शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में सामाजिक अध्ययन विषय में किस-किस विषय से स्नातक के विद्यार्थी शामिल होंगे, इसका उल्लेख नहीं था. उस समय कॉमर्स से स्नातक विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए, उन्हें सफलता भी मिली और कुछ जिलों में सामाजिक अध्ययन विषय में इनकी नियुक्ति भी कर ली गयी. बाद में शिक्षा विभाग के निर्देश पर इन शिक्षकों को हटा दिया गया.

इन बिंदुओं पर भी बदलाव :

शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्रमाण पत्र की मान्यता अवधि में बदलाव किया जा रहा है. प्रमाण पत्र के मान्यता की अवधि वर्तमान में सात वर्ष है. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र की मान्यता आजीवन कर दी गयी है, ऐसे में राज्य में भी प्रमाण पत्र की मान्यता आजीवन की जायेगी.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version