JSSC CGL के लिए 10 साल से चल रही है प्रक्रिया, पर पूरी नहीं हो पायी परीक्षा
वर्ष 2023 में आयोजित ‘डिप्लोमा स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा’ के प्रश्न पत्र लीक हो गये थे. अभ्यार्थियों की शिकायत पर नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
रांची: झारखंड में करीब 10 वर्षों से ‘स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल)’ का आयोजन हो रहा है, लेकिन कई कारणों से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. बार-बार परीक्षा की प्रक्रिया शुरू की जाती है और बाद में किसी न किसी कारण से रद्द हो जाती है. 2015 से उक्त परीक्षा देनेवाले हजारों अभ्यर्थियों की निर्धारित उम्र सीमा भी समाप्त हो गयी है, लेकिन अभ्यर्थियों के सपने साकार नहीं हो पाये. हालांकि, समय-समय पर सरकार द्वारा उम्र सीमा में थोड़ी छूट भी दी गयी. पर उसका भी लाभ अभ्यर्थियों को नहीं मिल पाया.
वर्ष 2015, 2019, 2021 में नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पायी. इन्हें बीच में ही रद्द करना पड़ा. इसके बाद 2023 में 2025 पदों पर नियुक्ति के लिए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा विज्ञापन जारी किया गया, जिसकी प्रक्रिया जारी है. उधर, झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 की 28 जनवरी को संपन्न परीक्षा में अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने का गंभीर आरोप लगया, जिसके बाद जेएसएससी द्वारा तीसरे पेपर (सामान्य ज्ञान) की परीक्षा तत्काल रद्द कर दी गयी. पेपर-1 व पेपर-2 की परीक्षा के बारे में आयोग ने कुछ नहीं कहा है.
Also Read: JSSC CGL Paper Leak: 4 फरवरी को JSSC CGL की परीक्षा होगी या नहीं, जानें क्या है लेटेस्ट अपडेट
प्रतियोगिता की अगली परीक्षा चार फरवरी को हाेनी है. परीक्षा में कुल 6.50 लाख अभ्यर्थी हैं. इसके लिए राज्य के सभी जिलों में 735 केंद्र बनाया गया है. पहले दिन की परीक्षा के पेपर व तीसरे पेपर का आंसर, परीक्षा के पहले ही सोशल मीडिया व व्हाट्सऐप ग्रुप में वायरल हो गया था. अभ्यर्थियों के हंगामा व आरोप को गंभीरता से लेते हुए जेएसएससी ने 28 जनवरी को तृतीय पाली में आयोजित तीसरे पेपर (सामान्य ज्ञान) की परीक्षा को रद्द कर दिया.
पहले भी हो चुका है पेपर लीक का मामला :
वर्ष 2023 में आयोजित ‘डिप्लोमा स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा’ के प्रश्न पत्र लीक हो गये थे. अभ्यार्थियों की शिकायत पर नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. मामले की जांच के बाद प्रश्न पत्र लीक होने की पुष्टि हुई थी. जांच में परीक्षा लेनेवाली एजेंसी के लोग ही प्रश्न पत्र लीक करने में शामिल पाये गये. इसके बाद आयोग ने परीक्षा को रद्द कर दिया तथा एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया.
सख्त कानून लागू होने के बाद भी प्रश्न पत्र लीक हुआ
राज्य सरकार ने प्रतियोगिता परीक्षा में कदाचार रोकने को लेकर सख्त कानून लागू किया है. इसमें प्रश्न पत्र लीक करने तथा उसमें शामिल पाये जाने पर जेल की सजा से लेकर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है. जेएसएससी ने अभ्यर्थियों व उनके अभिभावकों को सचेत भी किया था.