JSSC की लापरवाही, दो परीक्षाओं की तिथि कर दी एक साथ, छात्र पूछ रहे हैं ये सवाल

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने सीजीएल यानी कि संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा का कैलेंडर जारी किया. जिसमें आयोग ने परीक्षा की तारीख 16 और 17 अक्तूबर को रखी.

By Sameer Oraon | October 20, 2023 3:22 PM

रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने सीजीएल यानी कि संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा का कैलेंडर बनाते समय भारी लापरवाही बरती है. दरअसल मामला ये है कि इस बार जेएसएससी द्वारा जारी कैलेंडर में दो परीक्षाओं की तारीख एक साथ कर दी गयी है. जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र परेशान हैं. उनका कहना है कि लंबे वक्त बाद सीजीएल की वैकेंसी निकली है, उसके बाद भी इस तरह की लापरवाही समझ से परे है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, कुछ दिनों पहले झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने सीजीएल यानी कि संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा का कैलेंडर जारी किया. जिसमें आयोग ने परीक्षा की तारीख 16 और 17 दिसंबर को रखी. जबकि उस तारीख में पहले से ही आईटीआई इंस्ट्रक्टर की परीक्षा की तिथि निर्धारित है. ऐसी स्थिति तब है जब आयोग ने बीते 1 साल में तीन बार परीक्षा का संशोधित कैलेंडर जारी किया है. इससे पहले परीक्षा की तिथि 15 और 16 अक्तूबर निर्धारित थी. लेकिन अब परीक्षा की तारीख 16 और 17 दिसंबर को निर्धारित है.

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साल 2015 में अंतिम बार हुई थी परीक्षा

बता दें कि इससे पहले स्नातक स्तरीय परीक्षा साल 2015 में आयोजित की गयी था. इसके बाद साल 2022 के फरवरी माह में राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने 900 से अधिक पदों के लिए वैकेंसी निकाली. लेकिन हाईकोर्ट ने तब की नियोजन नीति को रद्द कर फिर से वैकेंसी निकालने का निर्देश दिया. इसके बाद साल 2023 के जून माह में फिर 2 हजार से अधिक पदों के लिए वैकेंसी निकाली. उस वक्त छात्रों का कहना था कि इससे पहले इतने पदों के लिए वैकेंसी कभी नहीं आयी.

क्या कहना है प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों का

मैंने साल 2016 में स्नातक की परीक्षा पास की. इसके बाद मैनें 2018 में पारा स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की. उसके बाद से मैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगी हूं. बार बार परीक्षा की तारीख संशोधित होने से तैयारी पर असर पड़ता है. सरकार से आग्रह है कि हमारी परीक्षा निर्धारित तिथि में ही हो.

गीतांजलि कच्छप

मैं साल 2019 से सीजीएल और जेपीएससी की तैयारी में लगा हूं. लेकिन बार बार परीक्षा की तारीख संशोधित होने से हिम्मत खो जाता हूं. अब तो मुझे अपने माता पिता से भी पॉकेट खर्च लेने में सोचना पड़ता है. क्योंकि मेरे पिता किसान हैं और मैं घर में सबसे बड़ा हूं. आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि मेरे पिता जी लंबे वक्त तक तैयारी के लिए पैसे देते रहें.

रोहित उरांव

मैं साल 2020 से लगातार सीजीएल परीक्षा की तैयारी कर रही हूं. लंबे समय बाद सीजीएल की वैकेंसी आयी. उसके बावजूद भी इस तरह की लापरवाही समझ से परे है. मुझे तो इस बार भी उम्मीद कम है कि सीजीएल की परीक्षा इसी साल संपन्न हो पाएगी.

सुजाता कुमारी

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