11 गैर अनुसूचित जिलों में जल्द शुरू होगी नियुक्ति प्रक्रिया, झारखंड हाईकोर्ट में सरकार ने मामले पर दी सफाई
महाधिवक्ता ने झारखंड हाइकोर्ट को दी जानकारी, गैर अनुसूचित जिलों में दस दिन में नियुक्तियों पर होगा फैसला. गौरतलब है कि राज्य में शिक्षक, पंचायत सचिव व लिपिकों की होनी है नियुक्तियां. सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से लिये गये फैसले की जानकारी देने का निर्देश
Sarkari naukri in Jharkhand, Jharkhand Recruitment News 2021 रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने राज्य के गैर अनुसूचित 11 जिलों में हाइस्कूल शिक्षकों, पंचायत सचिव व निम्नवर्गीय लिपिकों की नियुक्ति मामले में दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि सरकार 10 दिनों के अंदर नियुक्तियों के मामले में फैसला कर लेगी.
लिये गये फैसले से अदालत को अवगत कराया जायेगा. महाधिवक्ता की दलील सुनने के बाद अदालत ने सरकार को अगली सुनवाई के पूर्व शपथ पत्र के माध्यम से लिये गये फैसले की जानकारी देने का निर्देश दिया. इसके बाद अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी. इससे पूर्व प्रार्थियों की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा, अधिवक्ता प्रशांत भूषण, पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार, अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा.
मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने आठ अक्तूबर की तिथि निर्धारित की
अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया है कि गैर अनुसूचित जिलों की नियुक्तियों में किसी प्रकार की रोक नहीं है. गोड्डा व देवघर जिला में दो वर्ष पूर्व संस्कृत व इतिहास-नागरिक शास्त्र के अनुशंसित अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो चुकी है. वे दोनों जिले गैर अनुसूचित जिले में शामिल हैं. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल व अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजीव मिश्र, विद्या प्रकाश, बाल्मिकी कुमार, अजय कुमार सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों की अोर से याचिका दायर की गयी है. हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया वर्ष 2016 से तथा पंचायत सचिव व निम्नवर्गीय लिपिक बहाली की प्रक्रिया वर्ष 2017 से चल रही है.
Posted By : Sameer Oraon