रांची : राज्य गठन के बाद पहली बार राज्य के प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्य पद का सृजन होगा. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रस्ताव को विभागीय स्तर पर सहमति मिल गयी है. प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्य व उपप्राचार्य की नियुक्ति के लिए वर्ष 2012 में ही नियमावली बनायी गयी थी. नियमावली बनने के नौ साल बाद अब स्कूलों में प्राचार्य का पद सृजित किया जा रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था, वित्त विभाग ने पद सृजन के कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. शिक्षा विभाग ने जानकारी के साथ प्रस्ताव फिर से वित्त विभाग को भेज दिया है.
राज्य में वर्तमान में 510 प्लस टू विद्यालय हैं. इनमें से 59 विद्यालय एकीकृत बिहार के समय के हैं, जबकि 171 विद्यालय वर्ष 2006-07 में अपग्रेड किये गये थे. इसके बाद वर्ष 2015-16 में 280 हाइस्कूल को प्लस टू स्कूल में उत्क्रमित किया गया था. इन विद्यालयों में प्राचार्य के साथ उप प्राचार्य की नियुक्ति के लिए भी नियमावली बनायी गयी थी, पर फिलहाल प्राचार्य पद पर ही नियुक्ति की जायेगी. पद सृजन की प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाने की संभावना है.
प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्य की नियुक्ति जेपीएससी के माध्यम से होगी. 33 फीसदी पदों पर प्रोन्नति के माध्यम से और 67 फीसदी पदों पर सीधी नियुक्ति होगी. प्राचार्य पद पर प्रोन्नति की अनुशंसा भी जेपीएससी के माध्यम से की जायेगी. प्लस टू स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को प्रोन्नति दी जायेगी.
राज्य में 124 हाइस्कूल को प्लस टू स्कूल में अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है. विद्यालय को अपग्रेड करने की प्रक्रिया पूरी कर दी गयी है. प्रस्ताव अब कैबिनेट को भेजा जायेगा.
स्कूलों में शिक्षक व प्राचार्य की नियुक्ति के पूर्व पद सृजन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. प्लस टू स्कूल में प्राचार्य का पद नहीं था. विद्यालयों में प्राचार्य के पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके बाद नियुक्ति होगी. 124 हाइस्कूल को प्लस टू स्कूल में अपग्रेड भी किया जा रहा है.
जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री
Posted By : Sameer Oraon