झारखंड के सात सरकारी विवि में लगभग 40 वर्ष बाद तृतीय वर्ग में कर्मचारियों की नियुक्ति हो सकेगी. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रथम चरण में लगभग 950 पदों पर नियुक्ति के लिए रोस्टर क्लियर कर दिया है. 4800 ग्रेड पे वाले पदों पर नियुक्ति के लिए उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने कार्मिक विभाग से रोस्टर क्लियरेंस मांगा है. अन्य पदों पर रोस्टर क्लियर होते ही जेएसएससी को नियुक्ति अधियाचना भेज दी जायेगी.
इधर, कई विश्वविद्यालयों में अनुपयोगी पदों को समाप्त भी किया गया है. जबकि, कई पद ऐसे हैं, जहां वर्तमान में कार्यरत कर्मी के सेवानिवृत्त होते ही पद भी स्वत: समाप्त हो जायेंगे. राज्य में रांची विवि में 1983-84 के बाद से कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति नहीं हो सकी है.
रांची विवि से ही कालांतर में विनोबा भावे विवि हजारीबाग, कोल्हान विवि, चाईबासा व नीलांबर-पीतांबर विवि, मेदिनीनगर की स्थापना की गयी है. वहीं, रांची कॉलेज को अपग्रेड कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि बनाया गया है. विनोबा भावे विवि से कुछ हिस्सा काट कर बिनोद बिहारी महतो कोयालंचल विवि, धनबाद की स्थापना की गयी है. विवि में कर्मचारियों को अब तीन वर्ष-पांच वर्ष नियमित सेवा के बाद ही प्रोन्नति मिलेगी. इससे पूर्व कर्मचारियों को सात वर्ष पूरे होने पर ही प्रोन्नति दी जाती थी.
राज्य सरकार ने सिदो-कान्हू मुर्मू विवि में कई स्वीकृत पदों में कटौती कर दी है. विवि में पूर्व में 391 पद स्वीकृत थे. इन्हें घटा कर 316 किया गया है. विवि में वर्तमान में 246 पद पर नियुक्ति की जानी है. इनमें 156 पदों को प्रोन्नति से भरा जाना है. इसी प्रकार राज्य के सभी विवि में स्वीकृत पद के लगभग आधे पदों को प्रोन्नति से भरा जाना है.
इसी प्रकार नीलांबर-पीतांबर विवि में लगभग 100 पदों का रोस्टर क्लियर हुआ है. विनोबा भावे विवि में लगभग 124 पदों का रोस्टर क्लियर किया गया है. इनमें एलडीसी के 81 पद हैं. डीएसपीएमयू में कुल 53 में से 10 पद हटा दिये गये हैं. इस विवि के कुल 43 पद का रोस्टर क्लियर किया गया है.
एलडीसी, स्टोर कीपर, पीटीआइ, सहायक लाइब्रेरियन, कंपाउंडर, शर्टर, स्टेनोग्राफर, सेक्शन कटर, क्यूरेटर, ड्राफ्टमैन, बजट एंड एकाउंट्स अफसर, इंटरनल ऑडिटर
लाइब्रेरियन, एकाउंटेंट, असिस्टेंट, ऑडिटर व यूडीसी
हेड असिस्टेंट, हेड एकाउंटेंट, स्टेनोग्राफर-1, एकाउंटेंट व ऑडिटर