Jharkhand News: नौकरी नहीं दे सकते तो गोली मार दीजिये, रांची में सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज के बाद बोले जवान, देखें Video
Sarkari Naukri 2020, Jharkhand News, Ranchi News, Morabadi Ground, Sahayak Police, Lathi Charge, Tear Shell Firing: स्थायी नौकरी की मांग पर झारखंड की राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में डटे सहायक पुलिसकर्मियों को खदेड़ने के लिए शुक्रवार (18 सितंबर, 2020) को पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. आंसू गैस के गोले भी दागे. इसमें कई सहायक पुलिसकर्मी घायल हो गये. अपने ऊपर हुई इस बर्बर कार्रवाई के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा कि नौकरी पर नहीं रखना है, तो गोली मार दीजिए. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीटर करके राज्य सरकार की निंदा की है.
रांची (अजय दयाल) : स्थायी नौकरी की मांग पर झारखंड की राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में डटे सहायक पुलिसकर्मियों को खदेड़ने के लिए शुक्रवार (18 सितंबर, 2020) को पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. आंसू गैस के गोले भी दागे. इसमें कई सहायक पुलिसकर्मी घायल हो गये. अपने ऊपर हुई इस बर्बर कार्रवाई के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा कि नौकरी पर नहीं रखना है, तो गोली मार दीजिए.
लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद कई सहायक पुलिसकर्मी घायल हो गये. घायल पुलिसकर्मियों को एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों से राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंज (रिम्स) भेज दिया गया. उधर, पुलिस की अप्रत्याशित कार्रवाई से आक्रोशित सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा, ‘नहीं रखना है, तो गोली मार दीजिए, सर.’
दरअसल, 12 सितंबर, 2020 से झारखंड पुलिस में स्थायी नौकरी देने की मांग कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों ने राज भवन मार्च करने की तैयारी कर ली थी. इसकी जानकारी पुलिस को मिल गयी. रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में पुलिस फोर्स वहां पहुंच गयी. जैसे ही सहायक पुलिसकर्मियों ने राज भवन मार्च करने की कोशिश की, एसएसपी ने उन्हें रोका.
Also Read: शरणार्थी या बंजारे नहीं, ये सहायक पुलिसकर्मी हैं, गरज के साथ हुई भारी बारिश में खुले आसमान के नीचे ऐसे गुजरी रातसहायक पुलिसकर्मियों ने एसएसपी की बात नहीं मानी और राज भवन की ओर बढ़ने लगे. जैसे ही ये लोग आगे बढ़े, पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. सहायक पुलिसकर्मियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गये. लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद दर्जनों सहायक पुलिसकर्मी घायल हो गये. सभी को अस्पताल भेज दिया गया.
नक्सल प्रभावित 12 जिलों के 2,350 सहायक पुलिसकर्मी 12 सितंबर को राज भवन और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए रांची में जमा हुए थे. जब भी ये लोग मुख्यमंत्री आवास या राज भवन की ओर बढ़े, पुलिस ने इन्हें रोक दिया. आज जब ये लोग आगे बढ़े, तो पुलिस ने कार्रवाई कर दी. इससे सहायक पुलिसकर्मियों में भारी आक्रोश है. इसके पहले 1000 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है.
Also Read: IRCTC/Indian Railways News: डीसी लाइन पर नहीं चलेगी ट्रेन, झारखंड हाइकोर्ट में याचिका खारिजनक्सलियों और अपराधियों के सामने पस्त झारखंड सरकार अपने डंडे का जोर निहत्थे सहायक पुलिसकर्मियों आजमा रही है। यह राज्य सरकार की दमनकारी नीति है। अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हमारे आदिवासी-मूलवासी सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज व आंसू गैस का प्रयोग करना घोर निंदनीय है। pic.twitter.com/CK3VQs0chq
— Raghubar Das (@dasraghubar) September 18, 2020
ज्ञात हो कि दिन में साढ़े तीन से चार बजे के बीच सहायक पुलिसकर्मियों को राज भवन मार्च करने से रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान पहुंच गये थे. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के अलावा सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी, ट्रैफिक एसपी, रांची जिला के सभी थाना के थानाध्यक्ष समेत सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया था. जैसे ही सहायक पुलिसकर्मियों ने राज भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की, तो पुलिस ने कार्रवाई कर दी.
रांची के सिटी एसपी ने कहा है कि अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन सहायक पुलिसकर्मी अचानक उग्र हो गये. उन्होंने बैरिकेडिंग पलटकर आगे बढ़ने की कोशिश की, पत्थरबाजी भी की. इसके बाद पुलिस बल को कार्रवाई करनी पड़ी. कहा कि 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. सहायक पुलिसकर्मियों से भी कहा गया है कि यदि उनके कुछ लोग घायल हुए हैं, तो वे पुलिस की एंबुलेंस की सेवा ले सकते हैं.
Also Read: सहायक पुलिसकर्मियों पर क्यों बरसीं पुलिस की लाठियां? झारखंड में क्या चल रहा ये नया विरोध, पढ़ें विशेष रिपोर्टसिटी एसपी ने कहा है कि सहायक पुलिसकर्मी शांतिपूर्वक आंदोलन करें. उनसे बातचीत चल रही है. यदि वे विधि के विपरीत कोई कार्रवाई करेंगे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि पुलिस ने किसी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया. उन्होंने बैरिकेडिंग पलट दी, उसके बाद पुलिस को अपनी सुरक्षा में उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी.
Posted By : Mithilesh Jha