रांची : सरना धर्म कोड लागू करने के लिए 31 जनवरी को राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का एलान किया गया है. इस बात की घोषणा आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने राजभवन पर आयोजित एकदिवसीय धरना के दौरान किया. उन्होंने कहा कि मामले को जानबूझ कर लटकाया जा रहा है. क्या झारखंड के नेता सरना धर्म कोड को लिंगायत धर्म (कर्नाटक विधानसभा- 2018) की तरह खारिज कराना चाहते हैं.
इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2021 के जनगणना वर्ष में आदिवासियों को अब तक धार्मिक पहचान और मान्यता के साथ शामिल होने का न्याय और अधिकार प्राप्त नहीं है, जबकि संविधान के अनुच्छेद-25 के तहत यह उनका मौलिक अधिकार या फंडामेंटल राइट है.
धरना में केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, विनय उरांव, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा, बाना मुंडा जदयू से उपेंद्रनारायण सिंह, संजय सहाय सहित बड़ी संख्या में अन्य जन संगठनों के लोग मौजूद थे.
20 दिसंबर से 31 दिसंबर तक पांच प्रदेशों में 200 सरना धर्म सगाड़ (रथ) चलाने का निश्चय किया गया है. 22 दिसंबर को संताली भाषा और संताल परगना विजय दिवस मनाया जायेगा.
21 जनवरी को सरना धर्म कोड की मान्यता को लेकर सभी जिला मुख्यालय में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रपति को उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जायेगा. वहीं, पांच जनवरी को ग्रामीण इलाकों में पुतला दहन कार्यक्रम के साथ ही 31 जनवरी को राष्ट्रव्यापी रेल – रोड चक्का जाम करने की बात कही गयी है.
posted by : sameer oraon