आदिवासी समाज ने दिया केंद्र को अल्टीमेटम, 20 नवंबर तक लागू करें सरना कोड नहीं तो करेंगे चक्का जाम

आदिवासी समाज के लोगों ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है. कल कोलकाता में हुई रैली में केंद्र को आखिरी चेतावनी देते 20 नवंबर तक का समय दिया.

By Sameer Oraon | October 1, 2022 8:44 AM

रांची: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कोलकाता के रानी रासमनी रोड (एसप्लेनेड) में आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू की अध्यक्षता में जनसभा हुई. इसमें सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे़ पांच राज्यों से बड़ी संख्या में लोग शामिल थे. इसमें निर्णय लिया गया कि सालखन मुर्मू के नेतृत्व में आदिवासी सेंगेल अभियान और धर्मगुरु बंधन तिग्गा के नेतृत्व में राष्ट्रीय सरना धर्म रक्षा अभियान मिलकर सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए संयुक्त आंदोलन करेंगे.

घोषणा की गयी कि यदि केंद्र सरकार 20 नवंबर तक सरना धर्म कोड को मान्यता नहीं प्रदान करती है, तो 30 नवंबर को पांच राज्यों में रेलरोड चक्का जाम किया जायेगा. इससे पूर्व 11 नवंबर को दिल्ली में संसद मार्च करेंगे़ वहीं, चार नवंबर को असम की राजधानी गुवाहाटी में धर्मकोड जनसभा की जायेगी़ 26 फरवरी 2023 को मोरहरबादी मैदान में सरना धर्म जनसभा होगी.

इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ करमा उरांव व विद्यासागर केरकेट्टा और जादवपुर विवि संताली स्टूडेंट्स वेलफेयर एंड कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ हांसदा मौजूद थे़ रैली को सुमित्रा मुर्मू, सोहन हेंब्रम, देवनारायण मुर्मू , नरेंद्र हेंब्रम, लक्ष्मीनारायण किस्कु, वैद्यनाथ हांसदा, तिलका मुर्मू आदि ने भी संबोधित किया.

संताल और उरांव के गठबंधन से माहौल बना

इस अवसर पर सालखन मुर्मू ने कुरमी/महतो को आदिवासी बनाने के विषय पर पश्चिम बंगाल, झारखंड व ओडिशा सरकार को घेरा और उन्हें आदिवासी विरोधी बताया. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया और सरना धर्म कोड की मान्यता, असम, अंडमान के झारखंडी आदिवासियों को एसटी बनाने, संताली को झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाने, झारखंड प्रदेश के पुनर्निर्माण और आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में सुधार की बात भी रखी. कहा कि इस जनसभा से संताल आदिवासी और उरांव आदिवासियों के गठबंधन से जनांदोलन की ऊंची उड़ान का माहौल बन गया है़

Next Article

Exit mobile version