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सरयू राय का बन्ना गुप्ता पर पलटवार, RBI का सर्वर बंद होने से नहीं हुआ प्रोत्साहन राशि का भुगतान

RBI सर्वर डाउन हो जाने के कारण कोविड प्रोत्साहन राशि भुगतान नहीं हो पाया जिस कारण राशि लैप्स हो गयी. सरयू राय ने बन्ना गुप्ता के सवाल के जवाब में ये बातें कही है. विभागीय प्रक्रियाओं से संबंधित संचिकाओं में मंत्री के ही हस्ताक्षर हैं इसलिए वो बच नहीं सकते

By Prabhat Khabar News Desk | April 17, 2022 6:25 AM

रांची: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और उनके मंत्री कोषांग के 59 कर्मियों को कोविड प्रोत्साहन राशि निकासी के लिए संचिका कोषागार भेजी गयी थी. लेकिन 31 मार्च को रात 11 बजे के बाद सर्वर बंद हो गया, जिस कारण राशि लैप्स हो गयी. यह जवाब विधायक व पूर्व मंत्री सरयू राय ने मंत्री बन्ना गुप्ता के सवाल पर पलटवार करते हुए दिया है.

मंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि सरयू यह स्पष्ट करें कि विभाग के किस खाते से मुझे और मेरे कोषांग के कर्मियों को भुगतान हुआ. इस पर श्री राय ने शनिवार को बयान जारी करते हुए कहा कि मंत्री ने प्रोत्साहन राशि नहीं लेने की घोषणा मजबूरी में की है, क्योंकि वह चाहकर भी भुगतान नहीं ले सकते.

संचिकाओं पर बन्ना के ही हस्ताक्षर हैं, बच नहीं सकते :

सरयू राय ने कहा है कि भुगतान संबंधी समस्त वित्तीय एवं विभागीय प्रक्रियाओं से संबंधित संचिकाओं और प्रोत्साहन राशि के विपत्र भुगतान के लिए कोषागार भेजी जानेवाली स्वास्थ्य विभाग की संचिका पर बन्ना गुप्ता के हस्ताक्षर हैं. मंत्री ने इसे संपुष्ट किया है.

इसलिए इस मामले में उनका आपराधिक षड्यंत्र साबित हो जाता है. वह चाहकर भी इस वित्तीय अपराध से बच नहीं सकते. सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को सलाह दी है कि वह अपना अपराध स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री को इसकी सजा निर्धारित करने के लिए कहें. सरयू राय ने सीएम को फिर सलाह दी है कि वह बन्ना गुप्ता को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करें और उनके विरुद्ध एसीबी से जांच करायें.

31 मार्च को रात नौ बजे कोषागार पहुंची थी फाइल :

श्री राय ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और उनके मंत्री कोषांग के अन्य 59 कर्मियों की कोविड प्रोत्साहन राशि का विपत्र स्वास्थ्य विभाग से सरकार के प्रोजेक्ट बिल्डिंग कोषागार में 31 मार्च 2022 को रात नौ बजे भुगतान करने के लिए पहुंचा. कोषागार ने भुगतान की स्वीकृति दे दी.

यह भुगतान मंत्री एवं अन्य कर्मियों के बैंक खाता में भेजने के लिए झारखंड सरकार के वित्त विभाग के कंप्यूटराज्ड पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) के पास चला गया. मार्च लूट पर अंकुश लगाने के लिए भारत के रिजर्व बैंक ने सख्त हिदायत दी थी कि रात के 11 बजे के बाद वह कोई भी भुगतान करने की इजाजत नहीं देगा और रिजर्व बैंक ने अपना सर्वर 31 मार्च 2022 की रात 11 बजे बंद कर दिया. इससे प्रोत्साहन राशि का पैसा सरकार के कोषागार से मंत्री बन्ना गुप्ता और उनके कोषांग के अन्य कर्मियों के बैंक खाते में नहीं गया और लैप्स हो गया.

संचिका गायब कराने की आशंका जतायी :

श्री राय ने आशंका जतायी है कि मामले का खुलासा हो जाने पर वित्त विभाग पर दबाव बनाकर कोषागार से विपत्र की प्रतियां गायब करायी जा सकती हैं. 14 अप्रैल को छुट्टी के दिन स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय खोलकर संचिका में छेड़छाड़ की मंशा से इन्होंने प्रयास किया है कि विभाग से राजकीय कोषागार में विपत्र भेजने के प्रमाण ये स्वास्थ्य विभाग की संचिका से गायब करा दें.

मंत्री और संयुक्त सचिव में सांठ-गांठ का आरोप लगाया :

श्री राय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और विभाग के संयुक्त सचिव मनोज सिन्हा के बीच सांठ-गांठ का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15.04.2022 को निर्गत कार्यालय आदेश गुड फ्राइडे को निर्गत हुआ है, जो अवकाश का दिन है.

इस अधिसूचना में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रेषित पीत पत्र संख्या गै.स.प्रे.सं.-449/गो., दिनांक-14.04.2022 का उल्लेख है. यह पीत पत्र भी 14 अप्रैल को अवकाश के दिन निर्गत हुआ है. श्री राय ने लिखा है कि मनोज कुमार सिन्हा सरकार के संयुक्त सचिव हैं या स्वास्थ्य मंत्री के निजी सचिव ? अवकाश की अवधि में इस तरह का पत्र और अधिसूचना निर्गत होना स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड प्रोत्साहन राशि आवंटन में भारी गड़बड़ी एवं घोटाला की तरफ संकेत करनेवाला है.

सीएम को लिखा पत्र : कोविड प्रोत्साहन राशि से संबंधित सभी संचिका को जब्त कर उच्चस्तरीय जांच हो

कोषागार भेजी जानेवाली संचिका पर बन्ना गुप्ता के हस्ताक्षर हैं, मंत्री का आपराधिक षड्यंत्र साबित हो जाता है

मुझे आवास आवंटित किया गया है

श्री राय ने मंत्री आवास में रहने के मुद्दे पर कहा कि सरकार ने जिस अधिसूचना से मंत्री को आवास आवंटित किया था, उसी अधिसूचना में 38 विधायकों को भी आवास आवंटित किया गया था. जिनमें एक वह भी हैं. उन्होंने कहा कि यह सवाल मंत्री द्वारा उनसे पूछने के बजाय सरकार से पूछना चाहिए.

Posted By: Sameer Oraon

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