मैनहर्ट मामले में सरयू राय की याचिका खारिज
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने मैनहर्ट कंपनी के मामले की एसीबी में दर्ज प्रारंभिक जांच (पीइ) रिपोर्ट के बाद प्राथमिकी दर्ज नहीं होने को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुनाया.
वरीय संवाददाता, (रांची).
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने मैनहर्ट कंपनी के मामले की एसीबी में दर्ज प्रारंभिक जांच (पीइ) रिपोर्ट के बाद प्राथमिकी दर्ज नहीं होने को लेकर दायर याचिका पर फैसला सुनाया. अदालत ने क्रिमिनल रिट याचिका खारिज कर दी. साथ ही प्रार्थी को यह छूट दी कि वह उचित फोरम या संबंधित थाना में मामला दर्ज करा सकता है. बताते चलें कि मैनहर्ट कंपनी ने रांची के सीवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर बनाया था. 22 जून को मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि प्रार्थी विधायक सरयू राय ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि मैनहर्ट कंपनी को रांची के सीवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर तैयार करने का कार्य दिया गया था. इसके लिए 21 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. डीपीआर घोटाले का मामला झारखंड विधानसभा में भी उठा था. बाद में दिसंबर 2020 में एसीबी में पीइ दर्ज की गयी थी. निगरानी (एसीबी) ने अगस्त 2022 में विधि परामर्श मांगा था.वित्तीय गड़बड़ी की जानकारी थी, तो एफआइआर क्यों नहीं करायी :
सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी के अधिवक्ता से पूछा था कि जब आपको यह पता था कि सीवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर बनाने का काम देने में वित्तीय गड़बड़ी हुई है, तो आपने थाना में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करायी. सिविल कोर्ट में शिकायतवाद भी दर्ज करा सकते थे, लेकिन आपने एसीबी में शिकायत कर मामले को छोड़ दिया. कोई भी नागरिक प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, इस कहां कोई रोक है. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता एके कश्यप ने पैरवी की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है