रांची : मैनहर्ट घोटाले को लेकर विधायक सरयू राय की किताब (लगभग 150 पन्ने) पूरी हो गयी है. श्री राय इसका प्रूफ पढ़ रहे हैं. पुस्तक के प्रकाशन से पूर्व इसे वह सार्वजनिक करेंगे, जिससे लोग अपनी आपत्ति दे सकें. श्री राय चाहते हैं कि इस पुस्तक के छपने के बाद लोग इसकी प्रमाणिकता व तथ्यों पर सवाल न उठायें. मैनहर्ट घोटाले से जुड़ी इस पुस्तक में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास व तत्कालीन नगर विकास मंत्री निशाने पर होंगे.
पुस्तक में 19 खंड हैं. पहले खंड में 2005 में विधानसभा के अंदर मैनहर्ट मामले में हुई चर्चा को शामिल किया गया है. विधानसभा से ही मैनहर्ट के मामले ने तूल पकड़ा था. इसके अलग-अलग खंडों में समय-समय पर हुई जांच से लेकर उसके निष्कर्ष हैं. पूरी किताब सरकारी फाइलों पर दर्ज टिप्पणी व तथ्यों पर है. इस बाबत श्री राय ने कहा कि पुस्तक तैयार हाे गयी है. मूल किताब 132 पेज की है, वहीं प्रस्तावना आदि को जोड़ कर यह लगभग 150 के आसपास होगी.
अपनी किताब के संबंध में श्री राय ने कहा : संकोच का समय अब चला गया है. यह किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है. इतिहास की परत को सामने लाया हूं, ताकि लोग गलत न समझें. जिन लोगों ने तथ्यों को छुपाने या डायवर्ट करने की कोशिश की है, सब कुछ फाइल में दर्ज है. मैं किताब के माध्यम से केवल उसे सामने रख रहा हूं.
किताब लिखने का उद्देश्य सिर्फ यही है कि इस मामले में जितनी भी पड़ताल हुई, वह समग्रता से नहीं हुई. विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका सब इससे जुड़े थे, लेकिन मामला जस का तस रहा. वर्ष 2005 में जहां था, 2020 में भी वहीं हूं. इस किताब में अनुमान शून्य है, केवल सामग्री और तथ्य 100 प्रतिशत है. किसी की बदनामी, किसी को संतुष्ट करने के लिए नहीं है.
Posted by : Pritish Sahay