चाईबासा के सत्यजीत पटनायक के स्टार्टअप ने बढ़ाया खुदरा दुकानदारों का व्यवसाय, 5 शहरों में कर रहे संचालित
इंजीनियरिंग के बाद प्रबंधन से जुड़े सत्यजीत ने खुद का ऐप तैयार किया. इसकी मदद से शहर के सैकड़ों छोटे दुकान एक छत के नीचे एकजुट हो गये. अमूमन इन छोटे दुकानदारों के पास भी बड़े मॉल की तरह ऑफर होते हैं, पर जानकारी के अभाव में ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिलता.
रांची, अभिषेक रॉय : किराना दुकान बड़ी पूंजी के साथ डिपार्टमेंटल स्टाेर में तब्दील होने लगे हैं. कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक समेत अन्य दुकानों की जगह अब ब्रांड शोरूम ने ले ली है. वहीं, ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़ चुके ग्राहक अब खुदरा दुकानों तक बमुश्किल ही पहुंचते हैं. मॉल कल्चर में मिलनेवाला डिस्काउंट और सेल इसका बड़ा कारण है. इससे जिन छोटे दुकानदारों के पास न तो प्रचार का माध्यम है और न ही स्मार्ट मैनेजमेंट सिस्टम, उन्हें भारी नुकसान हो रहा हैं. वर्ष 2021 में चाईबासा के सत्यजीत पटनायक के परिवार के लोग जब इसी समस्या से जूझ रहे थे, तब उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया और नाम दिया एफवाइडीओ (फायदो).
इंजीनियरिंग के बाद प्रबंधन से जुड़े सत्यजीत ने खुद का ऐप तैयार किया. इसकी मदद से शहर के सैकड़ों छोटे दुकान एक छत के नीचे एकजुट हो गये. अमूमन इन छोटे दुकानदारों के पास भी बड़े मॉल की तरह ऑफर होते हैं, पर जानकारी के अभाव में ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिलता. ऐप की मदद से अब ग्राहक अपने आसपास की दुकान से डिस्काउंट और अन्य ऑफर का लाभ उठाने लगे हैं. सत्यजीत ने बताया कि परिवार में कई लोग खुदरा दुकान चलाते हैं. कोविड के दौरान उनकी समस्या को करीब से समझा. इसके बाद वे ऐप तैयार करने में जुट गये. फायदो ऐप को बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर (बी2सी) से जोड़ा. जहां दुकानदार खुद को रजिस्टर कर दुकान के सामान की जानकारी देने के साथ समय-समय पर सेल व ऑफर की जानकारी ग्राहक को दे रहे हैं.
वहीं, घर बैठे ग्राहक को ऐप के जरिये अपने आसपास की दुकान में मिल रहे सामान की कीमत और छूट की जानकारी नोटिफिकेशन के जरिये दी जा रही है. ऐप का प्रचार खुद दुकानदार अपने ग्राहकों के बीच कर रहे हैं, जिससे खुदरा दुकानदार का मार्केट बेस और सर्किल भी बढ़ रहा है.
पांच शहर में 1.20 लाख कस्टमर बेस
जून 2022 में सत्यजीत ने पिता धर्मचंद पटनायक और दोस्त सिनचन कुमार मिश्रा के साथ मिलकर ऐप को बाजार में उतारा. शुरुआत भुवनेश्वर से की. इसके लिए ओड़िशा सरकार से 10 लाख रुपये का अनुदान मिला. इसके बाद कटक, चाईबासा, रांची और जमशेदपुर में 1.20 लाख कस्टमर बेस के साथ स्टार्टअप को संचालित कर रहे हैं. नवंबर 2022 में फायदो को निधि इंटरप्रेन्योर इन रेसिडेंट प्रोग्राम में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले स्टार्टअप के रूप में चुना गया. इससे 30 लाख रुपये की फंडिंग मिली. वहीं, जनवरी में फीनलैंड में आयोजित स्लश-2022 प्रतियोगिता में उनका स्टार्टअप चुना गया. इसके लिए फायदो को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पुरस्कृत किया गया. सत्यजीत संत जेवियर स्कूल चाईबासा से 10वीं करने के बाद 12वीं की पढ़ाई करने चक्रधरपुर पहुंचे. इसके बाद ओड़िशा यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की. वहीं, वर्तमान में इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जर्मनी से एमबीए कर रहे हैं.
मशीन लर्निंग एल्गोरिदम से ग्राहक हो रहे आकर्षित
फायदो ऐप को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम से जोड़ा गया है. यह प्रक्रिया एक ग्राहक को उनके लिंग, उम्र और पसंद के अनुरूप ऑफर से जोड़ने में मदद करती है. सत्यजीत ने बताया कि अगर एक महिला ऐप का इस्तेमाल करती है, तो उन्हें उनके पसंद के अनुरूप दुकान, दुकान के सामान, उनमें चल रहे ऑफर, विभिन्न दुकान के बीच सामान की कीमत का आकलन करने का अवसर भी मिलेगा. इससे ग्राहकों की खरीदारी को सुविधा मिलेगी. वहीं, समय-समय पर लॉगइन करनेवाले विभिन्न दुकानों के ऑफर की जानकारी नोटिफिकेशन की मदद से दी जा रही है.