मंत्री सत्यानंद भोक्ता की डिस्चार्ज याचिका खारिज, अब होगा आरोप गठन
गौरतलब है कि वर्ष 2003-05 में आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किये बिना मनपसंद कंपनी से बीज और कृषि उपकरण की खरीदारी की गयी थी. इस मामले की जांच एसीबी ने की थी.
रांची : एसीबी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने 46.10 करोड़ रुपये के बीज घोटाला मामले में तत्कालीन कृषि मंत्री तथा वर्तमान में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता का डिस्चार्ज याचिका खारिज कर दिया है. अदालत ने छह जनवरी को सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने मंगलवार को अपना आदेश सुनाया. मामले में जल्द ही उन पर आरोप गठन किया जा सकता है. मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने आरोप मुक्त करने के लिए अदालत में आठ दिसंबर 2022 को डिस्चार्ज अर्जी दाखिल किया था. जब भी अदालत इस मामले में सुनवाई की तिथि तय करती, मंत्री कोई दस्तावेज देने के लिए समय ले लेते थे. इस कारण एक साल में मामले की सुनवाई पूरी हो सकी.
गौरतलब है कि वर्ष 2003-05 में आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किये बिना मनपसंद कंपनी से बीज और कृषि उपकरण की खरीदारी की गयी थी. इस मामले की जांच एसीबी ने की थी. जांच के बाद 46 करोड़ 10 लाख रुपये का घोटाला सामने आया था. अनुसंधान पदाधिकारी ने सत्यानंद भोक्ता, पूर्व कृषि मंत्री नलिन सोरेन, तत्कालीन कृषि सचिव वी जयराम, निस्तार मिंज सहित अन्य पर ठोस साक्ष्य के साथ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. इस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए मुकदमे में आगे की कार्यवाही प्रारंभ की थी. चार्जशीट में सभी पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर घोटाला करने का आरोप है. घोटाले को लेकर वर्ष 2009 में निगरानी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
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