क्या है झारखंड सरकार द्वारा लागू सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना? ऐसे उठा सकते हैं इसका लाभ
झारखंड सरकार ने महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना को लागू की है. जिसके तहत राज्य सरकार कक्षा 8 से 12वीं तक की छात्राओं को 20 हजार रुपये अनुदान स्वरूप देती है
झारखंड सरकार ने महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना को लागू की है. जिसके तहत राज्य सरकार कक्षा 8 से 12वीं तक की छात्राओं को 20 हजार रुपये अनुदान स्वरूप देती है. यह राशि हर वर्ग के लोगों के लिए अलग अलग होती है. इसका लाभ लेना बेहद आसान है. इसका लाभ लेने के लिए आपको निकट के आंगनबाड़ी केंद्र से संपर्क करना होगा. फिर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को फॉर्म भरकर जरूरी दस्तावेजों को जमा करना होगा.
क्या है जरूरी पात्रता
आवेदक को झारखंड का स्थानीय निवासी होना जरूरी है
आवेदक के माता पिता सरकारी कर्मचारी न हों और न ही इससे रिटायर्ड हो
जब लड़की 18 साल की हो तो उसका नाम मतदाता सूची में होना जरूरी है.
आवेदक के नाम बैंक या पोस्ट ऑफिस आकाउंट में होना जरूरी है
अंतिम किस्त की राशि पाने के लिए आवेदक को 19 साल से पहले ही आवेदन करना होगा
आवेदन में इन चीजों की जानकारी देना जरूरी
आवेदक को आवेदन करते समय अपने नाम के अलावा पिता का नाम, गांव और पंचायत का पता स्पष्ट होना चाहिए. साथ ही साथ जन्म संबंधित प्रमाण पत्र भी जमा करना अनिवार्य है. इसके अलावा जो आवेदक 18 साल या उससे ऊपर के हैं उन्हें मतदाता पहचान पत्र की छाया प्रति जमा करना अनिवार्य है. इसके अलावा आधार कार्ड का नंबर व इसकी छायाप्रति संलग्न कराना अनिवार्य है. साथ ही हाल ही में खींचा गया पासपोर्ट साइज का फोटोग्राफ देना भी जरूरी है.
किस कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को कितना कितने पैसे दे रही है सरकार
सरकार की तरफ से कक्षा 8 और 9 वीं पढ़ने वाली छात्राओं को 2500 रुपये और 10 वीं, 11 वीं और 12वीं के छात्राओं को 5 हजार रुपये की राशि दी जाएगी. इसके अलावा जब छात्रा 18 साल की उम्र में पहुंचती है तो उन्हें एकमुश्त 20 हजार रुपये की राशि दी जाती है.
क्या है सरकार का मकसद
झारखंड सरकार इस योजना के जरिये बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करना चाहती है. साथ ही साथ इसके जरिये वो महिला सशक्तिकरण और शिक्षा को भा बढ़ावा देना चाहती है. गौरतलब है कि आर्थिक तंगी की वजह से कई छात्राएं शिक्षा छोड़ने पर विवश हो जाती है. खासकर के 10 वीं के बाद ऐसा करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है. आपको बता दें कि इससे राज्य की 8 लाख से ज्यादा किशोरियों को लाभ मिलेगा तो वहीं सरकार को 4.50 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.