रांची : एसबीआई ने डीवीसी को विद्युत आपूर्ति के लिए बड़ी मदद की है. भारतीय स्टेट बैंक ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन डीवीसी के लिए 10,050 करोड़ रुपये का मंजूर कर लिया ऋण. यह लोन अल्ट्रा सुपर थर्मल प्रोजक्ट के लिए स्वीकृत किया गया है. यह परियोजना भारत की बढ़ती उर्जा जरूरतों के अनुरूप 1600 मेगावाट बिजली क्षमता की वृद्धि का प्रयास है. लोन समझौते का आदान प्रदान एसबीआई की वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में किया गया है.
देश की बढ़ती उर्जा को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम
बता दें कि यह साल 2030 तक देश की बढ़ती उर्जा की मांग को पूरा करने की दिशा में सरकार की रणनीति का हिस्सा है. यह बिजली की बुनयादी ढांचों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है. उल्लेखनीय है कि डीवीसी के पास झारखंड के कोडरमा में एक मौजूदा 2×500 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट है. जो कि बिजली आपूर्ति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. इससे स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर बिजली की मांग पर्याप्त मात्रा में पूरी होती है.
किन वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया ऋण समझौते का आदान प्रदान
ऋण समझौते का आदान-प्रदान एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया. जिसमें अश्विनी कुमार तिवारी, प्रबंध निदेशक (कॉर्पोरेट बैंकिंग और सहायक) गुलशन मलिक, अमिताभ चटर्जी, उप प्रबंध निदेशक (वाणिज्यिक ग्राहक समूह) शामिल थे. वहीं, डीवीसी की तरफ से अरूप सरकार, जॉयदीप मुखर्जी, और दुर्गेश मैती, शामिल थे.
क्या है डीवीसी
दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) भारत का एक सरकारी स्वामित्व वाला निगम है. जिसकी स्थापना 1948 में दामोदर नदी घाटी के विकास और प्रबंधन के लिए की गई थी, जो पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुछ हिस्सों को कवर करती है. इसका गठन दामोदर नदी की जलविद्युत क्षमता का दोहन करने और क्षेत्र में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण प्रदान करने के लिए किया गया था. यह घाटी में कई बांधों, जलाशयों और जलविद्युत संयंत्रों का संचालन करता है.