रांची (विशेष संवाददाता). झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि आने वाले समय में परिसीमन के नाम पर केंद्र सरकार एसटी-एससी सीटों की संख्या कम करती है तो ये ठीक नहीं होगा. 2025 में जनगणना होने वाली है और उसके बाद परिसीमन की भी तैयारी है. 2012 में जब परिसीमन आयोग यहां आया था तब झामुमो ने आशंका व्यक्त की थी. आज भी उक्त आशंका बरकरार है कि आदिवासी व अनुसूचित जातियों के लिए विधानसभा की आरक्षित सीटों पर प्रहार हो सकता है. सोमवार को झामुमो कार्यालय में पत्रकारों से प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संसद का सत्र भी शुरू हो गया है. इसमें भी झारखंड की आरक्षित सीटों पर बात हो सकती है. संबंधित अधिकारियों को तय करना होगा कि परिसीमन के नाम पर आरक्षित सीटों की संख्या अगर घटायी गयी तो, ये सही नहीं होगा. कहा कि भाजपा की कोशिश है कि झारखंड की आरक्षित सीटों की संख्या कम की जाये. उन्होंने कहा कि भाजपा ये जानती है कि मूलवासियों-आदिवासियों में जब तक न दरार पैदा हो (धर्म के नाम पर, क्षेत्र के नाम पर) इनकी साजिश नहीं सफल होने वाली है. श्री भट्टाचार्य ने विपक्ष से कहा कि हमारे जो भी प्रस्ताव राज्यपाल के पास लंबित हैं, उनको केंद्र तक पहुंचाने में विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभायें. ये उम्मीद हम करते हैं.
चंपाई दा अगर वापसी के लिए आवेदन देंगे तो हम लोग विचार करेंगे
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि जेकेएलएम जिसके प्रति जनता ने विश्वास जताया है, आशा है वह सरकार के साथ सकारात्मक दिशा में चलेंगे. आजसू के मांडू विधायक को संबोधित करते हुए कहा कि उनके नेता रोजगार की सरकार बनाने वाले थे, लेकिन वे खुद बेरोजगार हो गये. लेकिन आपने उनको रोजगार देने के लिए कदम आगे बढाया. इसका स्वागत किया जाना चाहिए. एक सवाल के जवाब में श्री भट्टाचार्य ने चुनाव के बाद भी चंपाई सोरेन पार्टी में वापसी के लिए आवेदन करेंगे तो हमलोग गंभीरता से विचार करेंगे. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि 28 को होने वाली नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हम तो चाहते हैं कि देश के पीएम और असम के सीएम भी आयें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है