एसटी-एससी अधिकारियों व कर्मियों की प्रोन्नति मामले में 15 दिनों में झारखंड सरकार लेगी फैसला, पदाधिकारियों की कमेटी अनुशंसा का करेगी अध्ययन

सोमवार को विधायक बंधु तिर्की और दीपक बिरुआ के साथ विधायक निरल पूर्ति, सुखराम उरांव, रामचंद्र सिंह और बैजनाथ राम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने प्रोजेक्ट भवन पहुंचे. विधायकों ने 26 विधायक व सांसद गीता कोड़ा के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि सरकार विधानसभा की विशेष कमेटी की रिपोर्ट लागू करे.

By Prabhat Khabar News Desk | June 22, 2021 8:29 AM

SC ST Promotion Case In jJharkhand रांची : राज्य सरकार एसटी-एससी अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रोन्नति के मामले में 15 दिनों के अंदर फैसला लेगी. एसटी-एससी प्रोन्नति में बरती गयी अनियमितता की जांच के लिए गठित विधानसभा की विशेष कमेटी की अनुशंसा की समीक्षा होगी. सरकार इसके अध्ययन और इसकी अनुशंसा को लागू करने के लिए तीन पदाधिकारियों की एक कमेटी बनायेगी.

मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे विधायक :

सोमवार को विधायक बंधु तिर्की और दीपक बिरुआ के साथ विधायक निरल पूर्ति, सुखराम उरांव, रामचंद्र सिंह और बैजनाथ राम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने प्रोजेक्ट भवन पहुंचे. विधायकों ने 26 विधायक व सांसद गीता कोड़ा के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि सरकार विधानसभा की विशेष कमेटी की रिपोर्ट लागू करे.

मुख्यमंत्री श्री सोरेन का कहना था कि पदाधिकारी इस अनुशंसा को लागू करने के लिए समीक्षा करेंगे. इसके तथ्यों को देखा जायेगा और विभागों से आवश्यक जानकारी लेने के बाद रिपोर्ट लागू कर दी जायेगी. एसटी-एससी प्रोन्नति का मामला जल्द ही सुलझा लिया जायेगा.

विधायकों ने कहा – नियम की हुई अवहेलना :

विधायकों का कहना था कि प्रोन्नति के मामले में एसटी-एससी कर्मियों और अधिकारियों के साथ अन्याय हुआ है. नियम कानून को ताक पर रख कर काम किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रोन्नति में गड़बड़ की गयी है. विधायकों का कहना था कि प्रोन्नति महीनों से रुकी है. कमेटी की अनुशंसा को लागू कर गतिरोध दूर किया जाये.

रोक के बाद भी जलसंसाधन में प्रोन्नति हुई, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया :

विधायक दीपक बिरुआ व बंधु तिर्की ने सीएम को बताया कि विधानसभा की विशेष कमेटी ने जांच के दौरान प्रोन्नति पर रोक लगायी थी. इसके बाद सरकार के स्तर पर इसे लेकर फैसला हुआ था. लेकिन जल संसाधन विभाग ने बैक डेट से अधिकारियों को प्रोन्नत किया. सरकार के आदेश का उल्लंघन किया है. मुख्यमंत्री श्री सोरेन का कहना था कि इस मामले को देखा जायेगा. ऐसा हुआ है, तो प्रोन्नति पर रोक लगेगी.

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