रांची, दिवाकर/विकास: झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएसपीएस) का झारखंड सरकार के वित्त विभाग द्वारा ऑडिट कराया गया था. इसमें कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आयी हैं. सबसे बड़ी गड़बड़ी बजट के अनुसार, खर्च नहीं करके एलएमसी द्वारा चार साल में आठ करोड़ 67 लाख रुपये अधिक खर्च किया गया है. वहीं ये खर्च भी अलग-अलग मद में किया गया है. इसके अलावा खिलाड़ियों के रख-रखाव से लेकर स्टेडियम बुकिंग तक में भारी गड़बड़ी की गयी हैं.
वहीं झारखंड सरकार और सीसीएल के एमओयू के अनुसार, दिये जानेवाले अनुदान राशि में भी सीसीएल ने पूरा अनुदान नहीं दिया है. ऑडिट करनेवाली टीम ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि एमओयू के अनुसार, जेएसएसपीएस को स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की शुरुआत करनी थी. लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हुआ.
ऑडिट के दौरान इस बात का खुलासा हो गया कि जेएसएसपीएस में बजट का दुरुपयोग कैसे किया जाता है. किसी भी मद में बजट के अनुरूप खर्च नहीं किया गया है. फूड एंड कैटरिंग, कार्यालय स्थापना, मेंटनेंस, एजुकेशन ऑफ स्पोर्ट्स कैडेट्स सहित अन्य मद में बजट के अनुरूप खर्च नहीं करके अधिक खर्च किये गये हैं. चार वर्ष में आठ करोड़ 67 लाख 94 हजार रुपये खर्च किये गये, जो शासी परिषद के नियमों के विरुद्ध है. इसके लिए एलएमसी को दोषी पाया गया है.
जेएसएसपीएस के एलएमसी की ओर से स्टेडियम और ओपन स्पेस की बुकिंग 407 दिन तक फ्री में कर दिया गया. इस कारण अब तक कुल एक करोड़ 13 लाख 63293 रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा वीवीआइपी गेस्ट हाउस की भी बुकिंग एलएमसी ने मनमाने तरीके से 213 दिन के लिए कर दी. इस कारण 17 लाख 77 हजार 80 रुपये का घाटा हुआ.
वहीं बजट से अधिक खर्च के अलावा अनियमितता का बड़ा मामला सामने आया है. आरडी कंस्ट्रक्शन को हाउसकीपिंग के लिए तीन बार चार महीने का नियम के विरुद्ध विस्तार दिया गया और बजट से 24 करोड़ 71 लाख 3557 रुपये का अधिक भुगतान किया गया.
वर्ष 2015 में जेएसएसपीएस के लिए झारखंड सरकार और सीसीएल के बीच एमओयू किया गया था. जिसमें तय किया गया कि इसे चलाने के लिए सीसीएल और झारखंड सरकार को 50:50 के अनुसार अनुदान देना था. झारखंड सरकार ने तो पिछले चार साल में पूरा अनुदान दिया, लेकिन सीसीएल ने इसमें कमी कर दी. 2018-19 से लेकर 2020-22 तक झारखंड सरकार की ओर से जेएसएसपीएस को जहां 349488000 करोड़ का अनुदान मिला, वहीं सीसीएल की ओर से केवल 310392941 करोड़ का ही अनुदान दिया गया.
ऑडिट टीम ने पाया कि चार साल में स्टेडियम के मेंटनेंस के लिए 18 करोड़ 70 लाख 77334 रुपये एलएमसी को मिले हैं. लेकिन मेंटनेंस का काम केवल बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम पर ही केंद्रित है. सभी स्टेडियम व कैंपस के रख-रखाव की जरूरत है.
ऑडिट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि चार साल में 700 से अधिक कैडेटों का चयन करना था, लेकिन 2022 तक केवल 400 कैडेट को ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं 10 खेल एकेडमी में सबसे खराब स्थिति साइकिलिंग, आर्चरी, फुटबॉल और ताइक्वांडो की है.