Jharkhand News: शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद भी अब तक राज्य में लगभग आधे बच्चों यानी 17 लाख बच्चों को पोशाक नहीं मिली है, जबकि पांच माह बाद सत्र समाप्त हो जायेगा. बच्चों की पोशाक, जूता-मोजा व स्वेटर के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना ने जुलाई में ही राशि दी थी. राशि देने के पांच माह बाद भी बच्चों को पोशाक नहीं मिली है. शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कुल 3493402 बच्चों को पोशाक दी जानी है. जिलों के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, लगभग 17 लाख बच्चों को ही पोशाक के लिए राशि दी गयी है. कक्षा एक से पांच तक के प्रति विद्यार्थी के लिए दो सेट पोशाक, स्वेटर व जूता-मोजा के लिए 600 रुपये दिये जाते हैं. वहीं कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थी के लिए दो सेट पोशाक को लेकर 400 रुपये, स्वेटर के लिए 200 रुपये व जूता -मोजा के लिए 160 रुपये दिये जाते हैं. कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के जूता-मोजा के लिए पूरी राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है. विभागीय समीक्षा बैठक में सभी डीएसइ को सितंबर महीने के अंत तक बच्चों को पोशाक उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था.
बच्चों का नहीं है बैंक एकाउंट
पोशाक वितरण में सबसे बड़ी परेशानी बच्चों का बैंक खाता नहीं होना है. कक्षा एक व दो के बच्चों को बैंक एकाउंट नहीं होने की स्थिति में विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से पोशाक क्रय कर उपलब्ध कराया जाता है. राज्य में कक्षा एक व दो को अधिकतर बच्चों के पास बैंक खाता नहीं है.
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34,93402 बच्चों की पोशाक के लिए जिलों को दिया गया है पैसा
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बच्चों के बैंक खाते में ट्रांसफर होगी पोशाक की राशि
प्रधानाध्यापक पर हो रही कार्रवाई
राशि उपलब्ध होने के बाद भी बच्चों को पोशाक नहीं मिलने की स्थिति में संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जा रही है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक के वेतन पर रोक लगायी जा रही है. जिला स्तर पर इस संबंध में पत्र भी जारी किया गया है. प्रधानाध्यापक पर की गयी कार्रवाई की जानकारी मुख्यालय को भी दी गयी है.
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