शकील अख्तर, रांची : वन विभाग के दर्जन भर रेंज अफसर पांच करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी राशि के गबन के आरोप में विभागीय कार्यवाही का सामना कर रहे हैं. इन पर प्लांटेशन के अलावा मनरेगा और जलछाजन की राशि गबन करने का आरोप है. इन अफसरों में से सिर्फ दिगंबर सिंह पर ही एक करोड़ रुपये से अधिक गबन करने का आरोप है, जबकि आनंद कुमार सात विभागीय कार्यवाही का सामना कर रहे हैं.
योजनाओं के लिए मिली राशि में किया गबन : विभागीय आंकड़ों के अनुसार, रेंजर दिगंबर सिंह पर चार करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी का आरोप है. वन विभाग में रेंजरों को विकास कार्यों के लिए अग्रिम राशि दी जाती है. दिगंबर सिंह पर वन विभाग की योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए मिली राशि में से 1.62 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है. इसके अलावा 2.46 करोड़ रुपये का लेखा-जोखा नहीं सौंपने का आरोप है. वह इन आरोपों में विभागीय कार्यवाही का सामना कर रहे हैं.
रेंजर शिव नारायण प्रसाद को विभागीय योजनाओं को लागू करने के लिए 66.50 लाख रुपये बतौर मिले थे. वर्ष 2015 में अग्रिम राशि में से 27.31 लाख रुपये गबन करने और 39.18 लाख रुपये का हिसाब-किताब नहीं देने का आरोप लगा. दो साल तक आरोपों से जुड़ी फाइल इधर-उधर घूमती रही. इसके बाद विभागीय कार्यवाही का आदेश हुआ. महाबीर पासी पर वर्ष 2013 में जालसाजी कर 56.10 लाख रुपये गबन करने का आरोप लगा.
इस रेंजर पर मजदूरों के बदले मशीन से काम लेने और मजदूरों के नाम पर बिल बनाने का भी आरोप है. इन पर लगे आरोपों से जुड़ी फाइल पांच साल तक घूमती रही. वर्ष 2018 में विभागीय कार्यवाही का आदेश हुआ. शिव नारायण और महाबीर पासी रिटायर हो चुके हैं. रेंजर रुद्र नारायण सिंह के खिलाफ 1.95 लाख रुपये खर्च नहीं कर योजनाओं को प्रभावित करने के आरोप में विभागीय कार्यवाही चल रही है.
अनिल कुमार सिंह के खिलाफ फर्जी मस्टर रोल तैयार कर 1.20 लाख रुपये गबन करने के आरोप में विभागीय कार्यवाही चल रही है. विजय कुमार सिंह भी 1.89 लाख रुपये के गबन के आरोप में विभागीय कार्यवाही का सामना कर रहे हैं. रेंजर जॉन रॉबर्ट तिर्की, जितेंद्र दुबे और विनोद कुमार विश्वकर्मा भी अनियमितताओं के आरोप में विभागीय कार्यवाही का सामना कर रहे हैं.
आनंद कुमार पर सात विभागीय कार्यवाही जारी : वन विभाग के चर्चित आनंद कुमार पर गबन के अलावा अन्य आरोपों में सात विभागीय कार्यवाही शुरू की गयी है. हालांकि इस रेंजर के जेल में रहने की वजह से संचालन अधिकारियों द्वारा जांच पूरी किये बिना ही फाइल लौटायी जाती रही है. विभाग ने आनंद कुमार पर 52 लाख रुपये से अधिक के गबन का आरोप है.
इसमें प्लांटेशन के अलावा मनरेगा और जलछाजन के पैसों को गबन करने का आरोप है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, इस रेंजर पर 2016 में शुरू की गयी विभागीय कार्यवाही में कैंपा के 30.41 लाख रुपये और मनरेगा के 19.66 लाख रुपये गबन करने का आरोप है. इसके अलावा अन्य योजनाओं की राशि में से 2.84 लाख रुपये के गबन के आरोप में 2017 में विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया गया था. हालांकि रेंजर के जेल में होने की वजह से विभागीय कार्यवाही पूरी नहीं हुई.
नाम आरोप
दिगंबर सिंह 1.61 करोड़ का गबन
शिव नारायण प्रसाद 27.31 का गबन व 39.18 लाख का हिसाब नहीं देना
महाबीर पासी 56.10 लाख का गबन
आनंद कुमार 52.91 लाख रुपये का गबन
रुद्र नारायण प्रसाद 11.95 लाख खर्च नहीं करना
अनिल कुमार सिंह 1.20 लाख का गबन करना
विजय कुमार सिंह 1.89 लाख का गबन
Post by : Pritish Sahay