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प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति गड़बड़ी मामला, छात्रवृत्ति घोटाला में रांची के 132 संस्थान ब्लैक लिस्टेड

रांची जिले में प्री-मैट्रिक अल्पसंख्यक मामले में हुई गड़बड़ी के मामले में 132 शैक्षणिक संस्थानों को ब्लैक लिस्ट

रांची : रांची जिले में प्री-मैट्रिक (अल्पसंख्यक) स्कॉलरशिप में हुई गड़बड़ी के मामले में 132 शैक्षणिक संस्थानों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. रांची जिले में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में हुई गड़बड़ी की जांच के बाद यह कार्रवाई की गयी है.

राज्य सरकार के आदेश के आलोक में रांची जिले में कल्याण विभाग के अधिकारियों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 375 शैक्षणिक संस्थानों में से 280 की जांच की.

इनमें से 174 संस्थानों में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं पायी गयी. 106 संस्थानों में विभिन्न प्रकार की गड़बड़ियां पायी गयी. वित्तीय वर्ष 2020-21 में 118 में से 65 की जांच की गयी है. इसमें 26 संस्थानों में गड़बड़ी पायी गयी है. इन शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से फर्जी छात्रों को अल्संख्यक छात्रवृति का भुगतान किया गया है. वहीं, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप 2019-20 की जांच के बाद 43 शैक्षणिक संस्थानों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है.

जिला प्रशासन द्वारा की गयी अनुशंसा के आलोक में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. छात्रा को स्कॉलरशिप राशि वापस करने का निर्देश : कल्याण विभाग ने जांच के बाद आयशा स्नेहा तिर्की से छात्रवृत्ति के रूप में मिली 15000 रुपये वापस करने का निर्देश दिया है. जिला कल्याण पदाधिकारी की ओर से लिखे गये पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जनवरी 2020 में छात्रवृत्ति के रूप में 15000 रुपये का भुगतान किया गया था.

आपकी पढ़ाई जिस शैक्षणिक संस्था में हुई, सरकार ने उसे नवंबर 2020 में काली सूची में डाल दिया है. इसलिए आप छात्रवृत्ति के रूप में मिली राशि का ड्राफ्ट बना कर जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय में जमा करें. नहीं करने पर कार्रवाई की जायेगी. पत्र मिलने के बाद से आयशा स्नेहा तिर्की परेशान है.

उसने पढ़ाई पूरी कर ली है और छात्रवृत्ति में मिली राशि को फीस के रूप में संस्थान में जमा करा दिया. अब वह छात्रवृत्ति का पैसा कहां से लौटा पायेगी. उसका कहना है कि दोष अगर संस्थान का है, तो पैसा हमसे क्यों वसूला जा रहा है? मैं फर्जी छात्रा नहीं हूं.

छात्रवृत्ति के मामले में जांच जारी है. अगले वित्तीय वर्ष के लिए छात्रवृत्ति से संबंधित मिले आवेदनों की जांच की जा रही है. 15 जनवरी तक शैक्षणिक संस्थानों द्वारा जांच के बाद आवेदनों को सत्यापित किया जायेगा और इसके बाद विभाग के स्तर पर जांच की जायेगी.

-संगीता शरण, जिला कल्याण पदाधिकारी

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