झारखंड में विद्यालय स्वास्थ्य अभियान शुरू, 21.94 लाख बच्चों की होगी जांच
झारखंड के स्कूली विद्यार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने के लिए स्कूली स्तर पर विशेष जांच अभियान शुरू किया गया है. इसमें सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के कक्षा छह से 12 तक के विद्यार्थी चिह्नित किये गये हैं
राज्य के स्कूली विद्यार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने के लिए स्कूली स्तर पर विशेष जांच अभियान शुरू किया गया है. इसमें सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के कक्षा छह से 12 तक के विद्यार्थी चिह्नित किये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए 21,94,106 किशोर-किशोरियों को चिह्नित किया है, जिसमें 10,15,407 किशोर और 11,78,699 किशोरी शामिल हैं. अभियान को संचालित करने के लिए डीसी और सिविल सर्जन को जिम्मेदारी दी गयी है. इससे संबंधित निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सोमवार को दिया है.
तीन चरणों में संचालित होगी अभियान :
अभियान तीन चरणों में संचालित होगा. प्रथम चरण में आरोग्य दूत और शिक्षकों द्वारा जांच की जायेगी. चिह्नित किशोर-किशोरियों को द्वितीय स्तर की जांच के लिए रेफर किया जायेगा. द्वितीय चरण में मोबाइल हेल्थ टीम में शामिल डॉक्टर जांच करेंगे और परामर्श देंगे. इसके बाद आवश्यकता के हिसाब से बड़े अस्पताल में रेफर किया जायेगा. तृतीय चरण में पीएचसी,सीएचसी और जिला अस्पताल में जांच कर इलाज किया जायेगा.
अभियान के तहत प्रथम स्वास्थ्य जांच 14 से 30 नवंबर तक विद्यालय स्तर पर होगी. एक दिसंबर से 31 जनवरी 2023 तक चिह्नित बच्चों की जांच की जायेगी. गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को एक से 10 फरवरी तक पीएचसी स्तर पर जांच व परामर्श दिया जायेगा. जांच में सहयोगी आरोग्य दूत को ऑनलाइन के माध्यम से प्रशिक्षित किया जायेगा. ऑडियोमेट्री जांच के लिए अलग टीम बनेगी. अंत में विद्यार्थियों को समुचित दवा का किट उपलब्ध कराया जायेगा.
समय पर बीमारी की पहचान करना है मकसद
स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य है कि स्वास्थ्य जांच कर समय पर बीमारी की पहचान हो जाये. इससे बाद में होनेवाली स्वास्थ्य की चुनौतियों से बचा जा सके. यह अभियान किशोर-किशोरियों के लिए संचालित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत चलाया जायेगा. इसके तहत विद्यार्थियों की आंख, कान, टीबी, एनीमिया, त्वचा, घेंघा और फ्लोरोसिस की बीमारी की जांच कर पहचान की जायेगी. इसके तहत प्राथमिक और मध्य विद्यालय में जांच होगी, जो प्रखंड स्तर पर आयोजित होगा.