शिक्षा विभाग ने राज्य में पिछली सरकार के कार्यकाल मर्ज किये गये सरकारी स्कूलों को फिर से खोलने की कवायद शुरू कर दी है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निर्देश पर जिलों से स्कूलों को दोबारा खोलने को लेकर आवश्यकता का आकलन करते हुए रिपोर्ट मांगी गयी थी. जिलों से जिन स्कूलों को फिर से खोलने का प्रस्ताव आया है, उन स्कूलों के पोषक क्षेत्र में छह से 14 वर्ष के बच्चों की संख्या, स्कूल से बाहर रह गये बच्चों की संख्या, निकटतम स्कूल की दूरी, स्कूल भवन की मौजूदा स्थिति और स्कूल की भौगोलिक स्थिति की जानकारी देने को कहा गया है.
सबसे अहम बात यह है कि मर्जर के बाद बंद हुए स्कूल को दोबारा शुरू करने के लिए संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी/जिला शिक्षा अधीक्षक को प्रमाण पत्र देना होगा. उन्हें यह प्रमाणित करना होगा कि संबंधित स्कूल को दोबारा खोलने को लेकर दी गयी सभी जानकारियां सत्य हैं और स्कूल को खोलने की जरूरत है. जिलों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अगले सत्र ने स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो सकती है.
गौरतलब है कि तत्कालीन राज्य सरकार ने राज्य के 6500 स्कूलों को मर्ज कर दिया था. इसके पीछे तर्क दिया गया था कि संबंधित स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या तय प्रावधान के अनुरूप नहीं है. एक किमी में एक से अधिक स्कूल होने की स्थिति में उसे पास के स्कूल में मर्ज किया गया था.
राज्य के 325 हाइस्कूल को प्लस टू विद्यालय में अपग्रेड किया जायेगा. इस संबंध में प्रक्रिया शुरू की गयी है. अगले शैक्षणिक सत्र में विद्यालयों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. विद्यालयों के आधारभूत संरचना को भी सुदृढ़ किया जायेगा. विद्यालयों में क्लासरूम, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष का निर्माण कराया जायेगा.