कोरोना के बाद स्कूल खुलने से बच्चों के चेहरे पर रौनक, लेकिन महंगी पढ़ाई ने अभिभावकों की बढ़ाई परेशानी
Jharkhand News: लंबे अरसे बाद कोरोना का संक्रमण जब कम हुआ, तो झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के आदेश पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल खोले गये, तो महंगी पढ़ाई ने अभिभावकों को सकते में डाल दिया है.
Jharkhand News: कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के कारण लोगों की जिंदगी थम सी गयी थी. नौकरी छूटने समेत कई अन्य कारणों से लोग बेहद परेशान थे. इधर, रही-सही कसर महंगाई ने पूरी कर दी. इतना ही नहीं, लोगों की आमदनी भी घट गई थी. इससे लोग बेहद तनाव में थे. कोरोना का संक्रमण जब कम हुआ, तो सरकार के आदेश पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल खोले गये, तो महंगी पढ़ाई ने अभिभावकों को सकते में डाल दिया है.
स्कूल यूनिफॉर्म की कीमतें बढ़ीं
लंबे अरसे बाद झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के आदेश पर कोरोना गाइडलाइंस का पालन कराते हुए स्कूल खुलने से बच्चों के चेहरे खिल उठे हैं, लेकिन बढ़ती महंगाई ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. शर्ट, जूता, टाई-बेल्ट, बैग समेत अन्य सामानों की कीमतें बढ़ी हुई हैं. विक्रेताओं की मानें, तो स्कूल यूनिफार्म की कीमतों में 25-30 फीसदी की वृद्धि हुई है. किताब और स्टेशनरी के मूल्य में भी वृद्धि हुई है. दुकानदारों की मानें, तो इसमें 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
अभिभावकों की चिंता
कोरोना से उबरने के बाद जिंदगी रफ्तार पकड़ रही थी. अभी ठीक से जिंदगी आर्थिक मोर्च पर पलटी पर लौटी भी नहीं कि अभिभावकों की परेशानी फिर बढ़ गयी है. महंगी पढ़ाई ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. स्कूल खुलने से बच्चों के चेहरे पर रौनक है, लेकिन अभिभावकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं. बढ़ी हुई फीस समेत महंगे स्कूल यूनिफार्म व कॉपी-किताब ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. आपको बता दें कि करीब दो साल बाद पहली कक्षा से ऊपर की क्लास खुली है. इससे कुछ माह पहले ऊपर की कक्षाओं की क्लास खुली थी, लेकिन कोरोना का संक्रमण बढ़ने पर फिर से स्कूल को बंद कर दिया गया था. पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने स्कूल खोलने के आदेश दिए.
Posted By : Guru Swarup Mishra