Jharkhand News: नये सत्र से Play Group सहित सभी कक्षाएं ऑफलाइन, बस भाड़ा में होगा इतना इजाफा

निजी स्कूलों में नये शैक्षणिक सत्र से प्ले ग्रुप (नर्सरी व केजी) सहित सभी कक्षाएं ऑफलाइन संचालित होंगी. इसमें सरकार के निर्देश का पूरा पालन किया जायेगा. यह निर्णय सीबीएसइ सहोदया स्कूल की आमसभा में शनिवार को लिया गया. आमसभा जेवीएम श्यामली स्कूल में अध्यक्ष समरजीत जाना की अध्यक्षता में हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | March 6, 2022 6:53 AM

Jharkhand News, Ranchi: निजी स्कूलों में नये शैक्षणिक सत्र से प्ले ग्रुप (नर्सरी व केजी) सहित सभी कक्षाएं ऑफलाइन संचालित होंगी. इसमें सरकार के निर्देश का पूरा पालन किया जायेगा. यह निर्णय सीबीएसइ सहोदया स्कूल की आमसभा में शनिवार को लिया गया. आमसभा जेवीएम श्यामली स्कूल में अध्यक्ष समरजीत जाना की अध्यक्षता में हुई. उन्होंने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए स्कूल गतिविधि कैलेंडर भी प्रस्तुत किया और सदस्य स्कूलों को शिक्षण के लिए न्यूनतम 220 कार्यदिवस आयोजित करके कैलेंडर तैयार करने की बात कही. उन्होंने आगे बताया कि ईंधन की कीमत में वृद्धि के कारण 10 प्रतिशत बस किराया वृद्धि करने पर सहमति बनी.

दो स्लॉट में छह घंटे प्रशिक्षण दिया जायेगा: अध्यक्ष समरजीत जाना ने सभी स्कूलों को इन हाउस प्रशिक्षण को जल्द से जल्द पूरा करने और 31 मार्च तक शिक्षकों के ऑफलाइन प्रशिक्षण के संचालन के लिए किये जानेवाले उपायों के बारे जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दो स्लॉट में छह घंटे प्रशिक्षण दिया जायेगा. क्योंकि यह सीबीएसइ के सीओई के लिए अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि सरला-बिरला की प्राचार्य परमजीत कौर व फिरायालाल स्कूल के प्राचार्य नीरज सिन्हा इस ऑफलाइन प्रशिक्षण का संचालन करेंगे. आमसभा में सहोदया के उपाध्यक्ष एसके सिन्हा व सचिव एमके सिन्हा ने ऑनलाइन शिक्षण से छात्रों को होनेवाले नुकसान पर चिंता व्यक्त की. आमसभा में कुल 43 स्कूलों के प्राचार्यों ने भाग लिया.

मोबाइल का बच्चों पर दुष्प्रभाव, जतायी चिंता: मौके पर श्री जाना ने कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के कारण मोबाइल के निरंतर उपयोग से बच्चों के सामान्य व्यवहार में जबदस्त गिरावट आयी है और उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कोविड की इन दो वर्षों की अवधि के दौरान कई बच्चे असामान्य रूप से प्रतिक्रिया करते हैं. अनुशासन व मिलन की प्रवृत्ति तथा विषय ज्ञान की समझ कम हो गयी है. शैक्षिक और सह शैक्षिक क्षेत्रों तथा अन्य क्षेत्रों में विद्यार्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. वहीं ऑनलाइन कक्षा के कारण कई बच्चे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हुए हैं और उनके सामाजिक विकास व समग्र शिक्षा में भी बाधा उत्पन्न हुई है.

Posted by: Pritish Sahay

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