School Reopen in Jharkhand Latest Updates : 15 अक्टूबर से झारखंड में खुलेंगे स्कूल! हेमंत सोरेन की सरकार ने क्या किया है फैसला
School Reopen Latest Updates, School Re-Open in Jharkhand Updates, Jharkhand News, CM Hemant Soren: कोरोना वायरस (coronavirus in india) की वजह से करीब आठ महीने से स्कूल बंद हैं. बच्चों को स्कूलों के फिर से खुलने (School Reopen) का इंतजार है. स्कूलों को खोलने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों गाइडलाइन जारी कर दी. झारखंड (Jharkhand) की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार अभी स्कूल खोलने के मूड में नहीं है.
School Reopen Updates, Jharkhand News: रांची : कोरोना वायरस (coronavirus in india) की वजह से करीब आठ महीने से स्कूल बंद हैं. बच्चों को स्कूलों के फिर से खुलने (School Reopen) का इंतजार है. स्कूलों को खोलने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों गाइडलाइन जारी कर दी. झारखंड (Jharkhand) की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार अभी स्कूल खोलने के मूड में नहीं है.
केंद्र सरकार ने कहा कि स्कूलों को क्रमबद्ध तरीके से ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि बच्चे सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए स्कूल में क्लास कर सकें. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में कहा कि स्कूल आने वाले बच्चों का तीन सप्ताह तक कोई मूल्यांकन नहीं होगा. विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी भावनात्मक सुरक्षा पर भी ध्यान देने की सलाह शिक्षा मंत्रालय ने दी. कहा कि स्कूल परिसर में स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाये. सैनिटाइजेशन भी नियमित अंतराल पर करने की व्यवस्था करें.
इतना ही नहीं, स्कूलों को इमरजेंसी केयर टीम बनाने की भी सलाह दी गयी. कहा गया कि किसी भी राज्य में माता-पिता की लिखित सहमति के बाद ही बच्चों को स्कूल में क्लास करने के लिए बुलाया जायेगा. छात्रों को अपनी इच्छा के अनुसार स्कूल जाने या ऑनलाइन क्लास अटेंड करने की आजादी देने की बात भी शिक्षा मंत्रालय ने कही. साथ ही कहा कि राज्य चाहें, तो अपने यहां की कोरोना के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अलग से मानक तैयार कर सकते हैं.
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केंद्र के गाइडलाइन में क्या?
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स्कूल जाने के लिए अभिभावकों की लिखित अनुमति जरूरी
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स्कूल जाना अनिवार्य नहीं, ऑनलाइन क्लासेज का भी विद्यार्थियों को मिलेगा विकल्प
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परिसर, फर्नीचर, स्टेशनरी, पानी, शौचालयों का नियमित अंतराल पर संक्रमणमुक्त करना जरूरी
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सीटिंग प्लान में सोशल डिस्टैंसिंग का ध्यान रखना होगा. अलग-अलग टाइम टेबल बनानी होगी
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छात्र, शिक्षक के हेल्थ स्टेटस को अपडेट करना जरूरी होगा
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स्कूलों में फुल टाइम डॉक्टर या नर्स या अटेंडेंट की व्यवस्था स्कूल करेंगे, ताकि आपात स्थिति में बच्चों या शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा मिल सके
उल्लेखनीय है कि झारखंड में 21 सितंबर से स्कूल खोलने की चर्चा थी, लेकिन बाद में सरकार ने इससे इनकार कर दिया. सरकार ने कहा कि अभी छात्रों को स्कूल बुलाना ठीक नहीं है. कब से स्कूल खोलें जायें, इस पर गहन विमर्श जारी है. सरकार ने कहा था कि छात्रों की जान को खतरे में डालना उचित नहीं होगा. राज्य सरकार ने अभिभावकों और शिक्षा जगत के लोगों से राय लेने के बाद स्कूलों को 31 अक्टूबर, 2020 तक नहीं खोलने का फैसला किया.
अनलॉक 5.0 की गाइडलाइन आने के पहले ही झारखंड सरकार ने अभिभावकों से ऑनलाइन राय मांगी थी. अधिकतर अभिभावकों ने कहा था कि वे कोरोना के इस संकट काल में अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं. ज्यादातर अभिभावकों ने कहा था कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती या कोरोना के इलाज की दवा बाजार में नहीं आ जाती, तब तक वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना पसंद नहीं करेंगे. यह असुरक्षित होगा. अभिभावकों का मानना है कि स्कूल में सोशल डिस्टैंसिंग और सैनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था संभव ही नहीं है.
Posted By : Mithilesh Jha