School Reopening news update Jharkhand : नौवीं से 12वीं तक के लिए स्कूल खोलने का प्रस्ताव
झारखंड स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की पहल, नौवीं से 12वीं तक के लिए स्कूल खोलने का प्रस्ताव
School Reopening News Update रांची : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का प्रस्ताव तैयार किया है. अगर सभी कक्षाओं के लिए स्कूल नहीं खाेलना संभव नहीं हुआ, तो बोर्ड परीक्षा-2021 के मद्देनजर केवल 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति मांगी जायेगी. विभाग इसका प्रस्ताव आपदा प्रबंधन विभाग को भेजेगा.
वहां से अनुमति मिलने के बाद ही स्कूल खोलने पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. संभावना जतायी जा रही है कि अगर सरकार ने अनुमति दी तो दिसंबर के अंत तक स्कूल खोले जा सकते हैं. इससे पहले विभाग ने 17 नवंबर से स्कूल खोलने का प्रस्ताव तैयार किया था.
गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से राज्य में 17 मार्च से ही स्कूल बंद हैं. इस कारण बोर्ड परीक्षा-2021 के परीक्षार्थियों की प्री-बोर्ड परीक्षा भी नहीं हो सकी. मैट्रिक के परीक्षार्थियों की प्री-बोर्ड परीक्षा 12 नवंबर से प्रस्तावित थी. जबकि 27 नवंबर से 12वीं की जांच परीक्षा होनी थी. कक्षा नौ की प्री-बोर्ड परीक्षा 12 दिसंबर से प्रस्तावित है.
इधर, बताया गया है कि मैट्रिक और इंटर बोर्ड के लिए परीक्षा फॉर्म जमा करने की प्रक्रिया इस माह शुरू होगी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) 15 दिसंबर के बाद परीक्षा फॉर्म जमा करने की तिथि घोषित कर सकता है. आठवीं, नौवीं व 11वीं की परीक्षाएं फरवरी में, जबकि मैट्रिक व इंटर की परीक्षाएं मार्च 2021 में प्रस्तावित हैं.
सरकार व आपदा प्रबंधन विभाग से अनुमति मिलने के बाद दिसंबर अंत तक तक खोले जा सकते हैं स्कूल
सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलना संभव न हुआ, तो केवल 10वीं और 12वीं के लिए मांगी जायेगी अनुमति
कोरोना महामारी की वजह से राज्य में 17 मार्च से ही बंद हैं स्कूल, इस वर्ष नहीं ली जा सकी है प्री-बोर्ड परीक्षा
फरवरी में होनी है आठवीं, नौवीं और 11वीं की परीक्षाएं मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं मार्च 2021 में प्रस्तावित
विद्यार्थियों को नहीं मिला संशोधित पाठ्यक्रम
सरकार ने इस बार पाठ्यक्रम में 40 फीसदी की कटौती कर दी है. संशोधित पाठ्यक्रम जैक की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. विभाग द्वारा स्कूलों को भी संशोधित पाठ्यक्रम भेजे गये हैं. शिक्षकों ने बच्चों के व्हाट्सऐप ग्रुप में संशोधित पाठ्यक्रम भेज दिये हैं. लेकिन, जो बच्चे ग्रुप से नहीं जुड़े हैं, उन्हें संशोधित पाठ्यक्रम की जानकारी नहीं है.
posted by : sameer oraon