फ्लोरा-फॉना से परिचित होंगे सरकारी स्कूलों के बच्चे, नेचर ट्रेल से जुड़कर हासिल कर रहे जैव विविधता की जानकारी

नेचर ट्रेल की शुरुआत ओसीसी कंपाउंड स्थित एलइबीबी हाई स्कूल से की गयी है. स्कूल के 35 बच्चों का चयन कर उन्हें बिरसा मुंडा जैविक उद्यान ओरमांझी का भ्रमण कराया गया. इस दौरान बच्चों को जंगली जानवर, जलीय जीव और पेड़-पौधों की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी दी गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 10, 2023 3:39 AM

रांची, अभिषेक रॉय : झारखंड जैव विविधता पर्षद ने राज्य के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के लिए ”नेचर ट्रेल” कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को राज्य के फ्लोरा-फॉना की जानकारी देना है. नेचर ट्रेल कार्यक्रम के तहत बच्चों को पहले राज्य में पाये जाने वाले स्थानीय वनस्पतिजात, पशु-पक्षी व अन्य जीव-जंतु से परिचय कराया जायेगा. इसके बाद लाइव डेमो के लिए बच्चे को जैव विविधता से संबंधित पर्यटन स्थल व उद्यान का शैक्षणिक भ्रमण कराया जायेगा. इस क्रम में बच्चे बिरसा जैविक उद्यान, मच्छली घर, बटरफ्लाइ पार्क, बायो डायवर्सिटी पार्क लालखटंगा, डीयर पार्क, फॉसिल पार्क, बेतला नेशनल पार्क, हजारीबाग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी समेत अन्य को देख सकेंगे. बोर्ड की सदस्य सचिव शैलजा सिंह ने कहा कि कार्यक्रम के जरिये बच्चों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाया जायेगा. इससे बच्चे पर्यावरण संरक्षण के प्रति सतर्क व जागरूक हो सकेंगे. नेचर ट्रेल कार्यक्रम का आयोजन लगातार होगा. इससे रांची जिले के करीब 30 सरकारी स्कूल के बच्चे व शिक्षक जुड़ेंगे. शैक्षणिक भ्रमण में कक्षा आठवीं से 10वीं तक के बच्चे हिस्सा लेंगे.

बच्चे पहली बार जैविक उद्यान से हो रहे परिचित

नेचर ट्रेल की शुरुआत रांची के ओसीसी कंपाउंड स्थित एलइबीबी हाई स्कूल से की गयी है. स्कूल के 35 बच्चों का चयन कर उन्हें बिरसा मुंडा जैविक उद्यान ओरमांझी का भ्रमण कराया गया. इस दौरान बच्चों को जंगली जानवर, जलीय जीव और पेड़-पौधों की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी दी गयी. भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने पहली बार जीवंत जंगली जानवर देखें. बच्चों के साथ बोर्ड के पदाधिकारी हरिशंकर लाल, धीरेंद्र कुमार और स्कूल के शिक्षक शामिल थे.

Also Read: सीएम हेमंत सोरेन ने दुमकावासियों को दी जैव-विविधता पार्क की सौगात, कहा- पार्क की स्वच्छता रखें बरकरार

स्कूलों में तैयार हो रही औषधीय वाटिका

इसके अलावा पर्षद राज्य के सरकारी स्कूलों में औषधीय वाटिका तैयार कर रही है. इसका उद्देश्य बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना है. साथ ही मेडिकल उपयोगिता के लिए जरूरी पौधों की एक बड़ी मात्रा तैयार की जायेगी. बच्चों को वाटिका में लगाये गये पौधों के संरक्षण और उनकी विशेषता की जानकारी लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी जा रही है. सरकारी स्कूलों में इको क्लब के सहयोग से औषधीय वाटिका (मेडिसिनल प्लांट गार्डेन) तैयार किया जा रहा हैं. इसमें औषधीय पौधे : कपूर तुलसी, सर्वगंधा, हथजोड़, मल्टी विटामिन, अपामार्ग, भूमि आंवला, अजवाइन, धनिया, केवाकंदा, मिंट, चित्रक समेत अन्य पौधे लगाये जा रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version