Jharkhand News: झारखंड के स्कूलों में अब शिक्षकों को तीन बजे तक ही विद्यालय परिसर में रुकना होगा. इसकी सहमति अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल और शिक्षा सचिव की मुलाकात के बाद बनी. प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे के नेतृत्व में बुधवार को संघ के प्रतिनिधिमंडल ने के रवि कुमार से मुलाकात की थी.
शिक्षा सचिव ने कहा कि शिक्षकों की अवकाश स्वीकृति में जो कुछ भ्रांतियां हैं, उन पर विचार करने के बाद इसे दूर करने के लिए संशोधन पत्र जल्द ही जारी किया जायेगा. स्कूल का दैनिक संचालन अपराह्न तीन बजे तक ही होगा. हाल में जो पत्र निर्गत हुआ था, वह मिड डे मील का समय परिवर्तन से संबंधित है, ना कि स्कूल समयावधि से. प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद, संतोष कुमार और अजय ज्ञानी सहित कई अन्य शामिल थे.
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने बुधवार को मध्य विद्यालय पहाड़ी टोला का औचक निरीक्षण किया. शिक्षा सचिव इससे पूर्व इस विद्यालय का निरीक्षण कर चुके हैं और तब उन्होंने विद्यालय के बेहतर संचालन को लेकर दिशा-निर्देश दिया था. इसके बाद भी स्कूल की स्थिति नहीं सुधरी. बुधवार को शिक्षा सचिव जब विद्यालय पहुंचे, तो कक्षा संचालन का समय हो गया था, लेकिन उसके बाद भी बच्चे विद्यालय आ रहे थे. शिक्षा सचिव ने बच्चों के पठन-पाठन को लेकर शिक्षकों को दिशा-निर्देश दिये.उन्होंने स्कूलों के फिर निरीक्षण की बात कही.
राज्य में स्कूली शिक्षा की स्थिति को लेकर ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा किये गये सर्वे की रिपोर्ट स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव को सौंपी गयी. रांची विवि के अर्थशास्त्र विभाग के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज व ज्ञान विज्ञान समिति के काशीनाथ चटर्जी ने शिक्षा सचिव के रवि कुमार को इसकी जानकारी दी है. शिक्षा सचिव को बताया गया है कि राज्य के विद्यालयों में शिक्षकों की काफी कमी है. राज्य में 40 फीसदी प्राथमिक विद्यालय केवल पारा शिक्षकों के भरोसे संचालित हैं.
प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 68 फीसदी, तो उच्च प्राथमिक कक्षाओं में 58 फीसदी है. विद्यालयों में पानी, बिजली, शौचालय जैसी सुविधाओं का अभाव है. राज्य के 64 फीसदी स्कूलों में खेल का मैदान नहीं है, तो 37 फीसदी में पुस्तकालय में किताब नहीं है.सर्वे में यह बात सामने आयी कि अब भी कई स्कूलों में सप्ताह में दो दिन अंडा नहीं दिया जा रहा है, जबकि सरकार की ओर से बच्चों को दो दिन अंडा देने का निर्देश है. समिति के सर्वे की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है.