Jharkhand News : झारखंड में बारिश के साथ मौसमी बीमारियां बढ़ने लगी हैं. मौसमी बुखार (वायरल फीवर), बेक्टेरियल फीवर और मलेरिया की चपेट में लोग आने लगे हैं. इसे हल्के में नहीं लें. तत्काल इलाज कराएं, नहीं तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है. फिजिशियन डॉ ऋषिकांत कुमार से जानते हैं कि ऐसी स्थिति में मरीज को क्या करना चाहिए और कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए.
ये हैं मौसमी बीमारियों के लक्षण
वायरल फीवरः वायरल फीवर में मरीज को सर्दी, खांसी, शरीर में दर्द, कमजोरी, पेट दर्द एवं दस्त हो सकते हैं. 5-7 दिनों में ये ठीक हो जाता है.
बैक्टेरियल फीवरः बैक्टेरियल फीवर में बुखार, शरीर में दर्द और उल्टी होती है.
मलेरियाः बुखार, सिरदर्द, जाड़ा देकर बुखार आना.
मलेरिया में बरतें सावधानी
मलेरिया से तेज बुखार, तेज सिरदर्द, बेहोशी लगना, मिर्गी का दौरा पड़ने लगता है. ऐसी स्थिति में सतर्क हो जाना चाहिए और इलाज कराने की जरूरत है. सही समय पर इलाज नहीं कराने पर मरीज की परेशानी बढ़ सकती है. दिमागी मलेरिया हो सकता है. इसमें मरीज बेहोश हो सकता है. सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो मरीज की जान भी जा सकती है.
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ये है उपचार
वायरल फीवर होने पर घरेलू उपचार से ठीक नहीं हो रहे हों, तो बीमारी की अनदेखी नहीं करें. तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें.
ऐसे करें बचाव
बरसात के मौसम में बाहर खाने से परहेज करें. खाना ताजा खाएं. स्वच्छ पानी पीयें. स्कूल के बच्चों को मास्क व सैनिटाइजर देकर भेजें और पानी पर विशेष ध्यान दें. बरसात के मौसम में घर के आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें, ताकि मच्छरों के संक्रमण से बचा जा सके. सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें. इससे मलेरिया व डेंगू से बचाव किया जा सकता है.
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Posted By : Guru Swarup Mishra
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.