पैनम कोल माइंस अवैध खनन मामले में खान विभाग के सचिव हाजिर हुए
प्रार्थी को राज्य सरकार के जवाब का प्रति उत्तर दायर करने के लिए मिला दो सप्ताह का समय
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने पैनम कोल माइंस के अवैध खनन मामले की सीबीआइ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के शपथ पत्र पर प्रार्थी को जवाब दायर करने के लिए समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी. मामले की सुनवाई के दाैरान खान विभाग के सचिव सशरीर हाजिर थे. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया, जिस पर प्रार्थी की ओर से समय देने का आग्रह किया गया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. प्रार्थी अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने मामले में स्वयं पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2015 में पैनम कोल माइंस नाम की कंपनी को पाकुड़ व दुमका जिला में कोयला खनन का लीज मिला था, लेकिन उस पर यह आरोप है कि उसने लीज से अधिक खनिज का खनन किया है. इससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है. मामले में जांच भी की गयी है, लेकिन उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई नहीं की गयी है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने खान सचिव को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया था.
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