रांची. झारखंड गैर सरकारी स्कूल संचालक संघ, रांची की बैठक कार्मेल स्कूल हरमू बाइपास रोड में हुई. बैठक में झारखंड के 24 जिलों से गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल के संचालक शामिल हुए. बैठक में हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी आदेश जारी करने पर नाराजगी जताते हुए आदेश को वापस लेने की मांग की गयी. बताया गया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रभारी सचिव उमाशंकर सिंह द्वारा 24 दिसंबर को सभी गैर मान्यता यू डायस प्राइवेट स्कूलों को एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें झारखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 26 दिसंबर 2024 से 15 जनवरी 2025 के अंदर सभी प्राइवेट स्कूलों को ऑनलाइन प्रपत्र-वन जमा करने को कहा गया है. परंतु जब पोस्ट खोला जाता है, तो उसमें झारखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार प्रथम संशोधन नियमावली 2019 कानून के तहत फॉर्मेट बना हुआ है. इस आधार पर मान्यता लेने का आदेश दिया गया है. हाइकोर्ट में मामला लंबित रहने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किया जाना हाइकोर्ट के आदेश की अवमानना है. बैठक में उक्त शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका फाइल करने पर सहमति बनी.
पुल का निर्माण निजी प्लॉट में कराने की शिकायत
रांची. लेम (बड़गाई) के रैयतों ने पुल का निर्माण निर्धारित प्लॉट से कराने का आग्रह किया है. साथ ही इसकी शिकायत उपायुक्त सहित पथ निर्माण विभाग व नगर निगम से की है. आवेदन में कहा है कि यहां पोटपोटो नदी में पुल का निर्माण कराया जाना है. पुल नदी के मुख्य मार्ग प्लॉट संख्या 165 से होकर बनना है पर इसे परिवर्तित कर प्लॉट संख्या 173 की ओर से बनाया जा रहा है. प्लॉट 165 को पूरी तरह छोड़ दिया गया है. यह कार्य कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. रैयतों ने इसमें सुधार कराने का आग्रह करते हुए यह भी लिखा है कि यहां कुछ साल पहले चेक डैम निर्माण के दौरान नदी का बहाव बदल दिया गया, जिससे कई प्लॉट बर्बाद हो रहे हैं. यहां से मिट्टी की कटाई भी होने लगेगी. इस कारण स्थानीय लोगों को बहुत नुकसान होगा. रैयतों ने कहा कि यहां सालों ंभर अच्छी फसल होती है. अब पानी घुसने से नुकसान होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है