विद्यार्थी अपनी क्षमता का आकलन कर विषय का चयन करें

10वीं बोर्ड रिजल्ट जारी होने के साथ विद्यार्थी 11वीं में एडमिशन की तैयारी में जुट गये हैं. साइंस संकाय की डिमांड सबसे ज्यादा है. प्राचार्यों का कहना है कि 10वीं में हासिल अंक मात्र से स्ट्रीम का चयन न करें.

By Prabhat Khabar News Desk | May 16, 2024 12:28 AM

अभिभावक दबाव न बनायें, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ायें

रांची़ 10वीं बोर्ड रिजल्ट जारी होने के साथ विद्यार्थी 11वीं में एडमिशन की तैयारी में जुट गये हैं. मार्क्स के आधार पर विद्यार्थी अपना लक्ष्य तय कर रहे हैं. 11वीं में साइंस संकाय की डिमांड सबसे ज्यादा है. प्राचार्यों का कहना है कि 10वीं में हासिल अंक मात्र से स्ट्रीम का चयन न करें. विषय के प्रति रुचि और पढ़ने की क्षमता को आधार बनायें. स्ट्रीम का चयन ही करियर का पहला पड़ाव है. यदि पहले पड़ाव का चुनाव ठीक हो, तो लक्ष्य को हासिल करना आसान होगा. विषय विशेषज्ञों का कहना है कि स्ट्रीम का चयन करने से पहले उसकी विशेषता को समझें. 10वीं में साइंस या मैथ्स में अच्छे अंक हासिल होने मात्र से साइंस स्ट्रीम को न चुनें. 11वीं में साइंस चुन रहे हैं, तो थ्योरी पढ़ने और उसे समझने की क्षमता जरूरी है. साइंस के तार्किक मूल्यों को समझना भी जरूरी होता है. मैथ्स में बेहतर अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी कॉमर्स में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. वहीं, सोशल साइंस विषय को बेकार न समझें. इसके जानकार विद्यार्थी एनालिटिक्स के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.

साइंस स्ट्रीम के विद्यार्थी के पास कई करियर विकल्प

11वीं-12वीं में साइंस स्ट्रीम की पढ़ाई कर विद्यार्थी करियर विकल्प के धनी बन सकते हैं. यही कारण है कि 11वीं में साइंस स्ट्रीम की डिमांड सबसे ज्यादा है. इस स्ट्रीम के साथ 12वीं पास करने वाले विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मेडिकल के अलावा एग्रीकल्चर, पारा मेडिकल, इनवायरनमेंट, कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर एप्लीकेशन, इंडियन आर्मी जैसे कई क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं. प्लस टू में साइंस स्ट्रीम की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी कॉमर्स व आर्ट्स के क्षेत्र में भी करियर बना सकते हैं. यही कारण है कि साइंस स्ट्रीम को दो ग्रुप में बांटा गया है.

पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स)

बीइ-बीटेक (इंजीनियरिंग) की पढ़ाई के लिए पीसीएम यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स सबसे जरूरी विषय है. इन तीनों विषय पर पकड़ मजबूत करने पर ही 12वीं के बाद आइआइटी, एनआइटी, जेएफटीआइ जैसे संस्थान में नामांकन मिलेगा. इसके लिए जेइइ मेंस और जेइइ एडवांस में सफलता जरूरी है. साथ ही बीआर्क (आर्किटेक्चर), स्ट्रैस्टिक्स, बीसीए, आर्मी, एयर फोर्स और नेवी, मर्चेंट नेवी में भी करियर का विकल्प रहता है.

पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी)

एमबीबीएस (मेडिकल) की पढ़ाई के लिए पीसीबी स्ट्रीम जरूरी है. इसके अलावा एग्रीकल्चर, फार्मेसी, फॉरेंसिक, बायोटेक्नोलॉजी, पारा मेडिकल, लाइफ साइंसेज, वेटरनरी जैसे क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए पीसीबी स्ट्रीम जरूरी है. पीसीबी के विद्यार्थी मेडिकल प्रवेश परीक्षा के अलावा कई पारा मेडिकल डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर बेहतर करियर बना सकते हैं.

कॉमर्स के जानकार व्यवसाय जगत में बना सकेंगे नाम

उद्योग और व्यवसाय के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए कॉमर्स खास है. कॉमर्स संकाय से जुड़े विषय न केवल अर्थव्यवस्था की समझ विकसित करने में मदद करते हैं, बल्कि व्यवसाय जगत में संभावना तैयार करने की काबिल भी बनाते हैं. इस स्ट्रीम को चुनने वाले विद्यार्थियों को शुरू से ही इकोनॉमिक्स, एकाउंटेंसी और बिजनेस अपॉर्च्युनिटी की समझ बढ़ानी होगी. कॉमर्स स्ट्रीम की पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थी 12वीं के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, बिजनेस मैनेजमेंट और बैंकिंग क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं. बेहतर जानकारी रखने वाले विद्यार्थी बतौर इंटरप्रेन्योर स्थापित हो सकते हैं.

आर्ट्स स्ट्रीम के साथ जागरूक रहना होगा

भाषा और सामाजिक विचारधारा रखने वाले विद्यार्थी 11वीं में आर्ट्स स्ट्रीम चुन सकते हैं. विषय विशेषज्ञों का कहना है कि हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, ज्योग्राफी के जानकार विद्यार्थी आइएएस, आइपीएस, स्ट्रेट सर्विस कमिशन की तैयारी कर सकते हैं. साथ ही एनालिटिक्स, इकोनॉमिस्ट, सोशियोलॉजिस्ट, जियो स्पेशियल के रूप में बेहतर संभावना तलाश सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आर्ट्स स्ट्रीम से 12वीं और यूजी की पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थी को सरकारी नौकरी के असीमित विकल्प मिलते हैं. इसके लिए विद्यार्थी को शुरू से जागरूक रहने की जरूरत है. आर्ट्स स्ट्रीम की पढ़ाई करने के बाद एकेडमिक्स, पत्रकारिता, राजनीति, बीए एलएलबी (कानून), मानव संसाधन जैसे क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकते हैं.

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