रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आये ढाई माह बीत गये, लेकिन अब तक भाजपा विधायक दल का नेता नहीं चुना जा सका है. भाजपा विधायक दल का नेता नहीं चुने जाने की वजह से मुख्य सूचना आयुक्त, महिला आयोग समेत कई संवैधानिक पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है. हाइकोर्ट ने भी नेता प्रतिपक्ष के जल्द चयन को लेकर निर्देश दिया है. नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं होने से एक तरफ झामुमो समेत सत्ताधारी दल भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश भाजपा की ओर से बचाव में कहा जा रहा है कि विधायक दल के नेता का चयन केंद्रीय नेतृत्व को करना है. उचित समय पर विधायक दल के नेता का चयन किया जायेगा.
फिलहाल भाजपा में सांगठनिक नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है
फिलहाल भाजपा में सांगठनिक नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. भाजपा के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, झारखंड विधानसभा के बजट सत्र से पहले विधायक दल के नेता का चयन कर लिया जायेगा. झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू हो रहा है. बताया कि फिलहाल पार्टी में सक्रिय सदस्यों के सत्यापन का कम चल रहा है. इसके बाद मंडल, जिला व प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है. सांगठनिक नियुक्ति की प्रक्रिया 15 दिन विलंब से चल रही है. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन 15 मार्च तक हो पायेगा. हालांकि, इससे पहले विधायक दल के नेता का चयन होगा.
पार्टी के शीर्ष नेताओं की व्यस्तता के कारण हो रहा विलंब
बताया गया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव व संसद के बजट सत्र को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की व्यस्तता की वजह से विधायक दल के नेता के चयन में विलंब हुआ. संसद के बजट का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त हो रहा है. इसके बाद सत्र 10 मार्च से चार अप्रैल को होना है. इस बीच केंद्रीय नेतृत्व की ओर से पर्यवेक्षक भेज कर विधायक दल के नेता के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. मुख्य सचेतक और सचेतक पदों पर सामाजिक समीकरण को ध्यान में रख कर पार्टी विधायकों को जिम्मेवारी सौंपी जायेगी. पार्टी के अंदर चर्चा चल रही है कि प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दल में से एक ट्राइबल और एक नन ट्राइबल नेता को जिम्मेवारी सौंपी जायेगी.
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