रांची : मौसम में हुए बदलाव के साथ स्वाइन फ्लू (एन1एच1 वायरस) के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. राजधानी में लक्षण के आधार पर स्वाइन फ्लू के तीन संदिग्ध मरीजों का इलाज मेडिका अस्पताल में किया जा रहा है. संबंधित डॉक्टरों का कहना है कि लैब की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद ही यह कहा जा सकेगा कि इन मरीजों में स्वाइन फ्लू का संक्रमण है या नहीं. विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में बदलने पर ऐसे वायरस सक्रिय हो जाते हैं. इस वायरस का संक्रमण तब खतरनाक हो जाता है, जब संक्रमित व्यक्ति पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो.
इधर, राजधानी के निजी जांच लैब में स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों के सैंपल भी जांच के लिए पहुंचने लगे हैं. माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ पूजा सहाय ने बताया कि कुछ दिनों से स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव सैंपलों की संख्या बढ़ी है. हर हफ्ते एक या दो संदिग्ध मरीजों की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो रही है. वहीं, सूत्रों के अनुसार, पिछले 15 दिनों में राजधानी के कई अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया है. एक ही परिवार के तीन लोग इस वायरस की चपेट में आये थे, जिनको अस्पताल में भर्ती किया गया था. डॉक्टरों का कहना है कि अगर सामान्य बुखार में पारासीटामोल काम नहीं कर रहा है और छाती में संक्रमण है, तो स्वाइन फ्लू की संभावना हो सकती है.
एक डॉक्टर भी हुए थे संक्रमित, मिली छुट्टी
राजधानी के एक डॉक्टर भी स्वाइन फ्लू से संक्रमित हुए थे. इरबा स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज करना पड़ा था. हालांकि, डाॅक्टर को स्वस्थ होने पर छुट्टी कर दी गयी है. वहीं, एक डॉक्टर का बेटा भी एन1एच1 वायरस की चपेट में आ गया था, जो अब स्वस्थ हो गया है.
एच1एन1 वायरस के लक्षण
सामान्य एन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण
– नाक लगातार बहना व छींक आना- कफ और लगातार खांसी
– मांसपेशियों में दर्द और अकड़न- सिर में तेज दर्द
– दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना- गले में खराश
ऐसा फैलता है यह वायरस
एन1एच1 का वायरस हवा के जरिये संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. यह वायरस खांसने, छींकने और थूकने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
मौसम बदलने पर पहले के कमजोर वायरस सक्रिय हो जाते हैं. स्वाइन फ्लू (एन1एच1 वायरस) में भी ऐसा ही होता है. संदिग्ध मरीजों को लक्षण के आधार पर भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. जांच रिपोर्ट लैब में भेजा गया है.
डॉ विजय मिश्रा, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ, मेडिका