रांची : राज्य में बीआरपी-सीआरपी की सेवा शर्त नियमावली बनाने की प्रक्रिया एक वर्ष में भी पूरी नहीं हो सकी. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इसके लिए कमेटी बनायी थी. इस संबंध में कमेटी ने देश के अन्य राज्यों में बीआरपी-सीआरपी को मिलनेवाले वेतन से लेकर अन्य सुविधाओं का अध्ययन किया. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नियमावली का ड्राफ्ट तैयार किया गया. पिछले एक वर्ष से सेवा शर्त नियमावली बनाने की प्रक्रिया विभागीय स्तर पर चल रही है, पर अब तक पूरी नहीं हुई है. इससे राज्य के बीआरपी-सीआरपी में काफी आक्रोश है.
बीआरपी-सीआरपी एसएस संघ सेवा शर्त नियमावली बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद और प्रदेश मीडिया प्रभारी रवींद्र कुमार ठाकुर ने कहा है कि राज्य में 2600 बीआरपी-सीआरपी कार्यरत हैं. बीआरपी-सीआरपी को छोड़कर सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त सभी कर्मियों की सेवा शर्त नियमावली बन गयी है. पारा शिक्षक से लेकर अन्य कर्मियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी हुई है. बीआरपी-सीआरनी 18 वर्षों से कार्यरत है.सेवा शर्त नियमावली बनाने को लेकर केवल आश्वासन दिया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि बीआरपी-सीआरपी काला बिल्ला लगाकर आंदोलन कर रहे हैं. मांग पूरी नहीं होने पर संघ आंदोलन को और तेज करेगा.
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