रांची : अनगड़ा पत्थर लीज में दबाव के कारण इस्तीफा देनेवाले डीएमओ की सेवा फिर बहाल
रांची के तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ) सत्यजीत की सेवा फिर से बहाल कर दी गयी है. लगभग 10 माह बाद छह मई 2022 को उन्होंने अपना त्यागपत्र वापस लेते हुए विभाग को दोबारा सेवा में लेने का अनुरोध किया. विभाग द्वारा इस मामले में महाधिवक्ता से राय ली गयी.
अनगड़ा पत्थर लीज आवंटन में भारी दबाव के कारण इस्तीफा देनेवाले रांची के तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ) सत्यजीत की सेवा फिर से बहाल कर दी गयी है. इस बाबत खान विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. सत्यजीत ने रांची जिला खनन पदाधिकारी के पद से 30 अप्रैल 2021 को इस्तीफा दे दिया था और 10 अगस्त 2021 को पदभार छोड़ दिया था. लगभग 10 माह बाद छह मई 2022 को उन्होंने अपना त्यागपत्र वापस लेते हुए विभाग को पुन: सेवा में लेने का अनुरोध किया. विभाग द्वारा इस मामले में महाधिवक्ता से राय ली गयी.
महाधिवक्ता की राय के बाद उनके त्यागपत्र वापस लिए जाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है. खान विभाग के संयुक्त सचिव पंकज चौधरी ने अधिसूचना जारी करते हुए लिखा है कि अधिसूचना जारी होने की तिथि चार अगस्त 2023 से सत्यजीत को जिला खनन पदाधिकारी के रिक्त पद पर पदस्थापित किया जायेगा. पद पर प्रभार ग्रहण करने के उपरांत सत्यजीत के त्यागपत्र, पदभार छोड़ने. त्यागपत्र स्वीकार करने तथा प्रभार ग्रहण तक की अवधि का नियमितीकरण करने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग की सहमति ली जायेगी. इसके बाद कैबिनेट की मंजूरी लेकर अलग से आदेश निर्गत किया जायेगा. सत्यजीत की सेवा नियमित करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी मंजूरी दे दी है.
क्या है मामला
वर्ष 2021 में सत्यजीत को कोविड-19 के दौरान डोरंडा अस्पताल में ड्यूटी लगी थी. इनकी प्रतिनियुक्ति शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, रिसालदार बाबा, डोरंडा में इंसिडेंट कमांडर के रूप में की गयी थी. डयूटी के दौरान गायब पाये गये थे. इसके बाद तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने उन्हें शो कॉज करते हुए उनके वेतन को स्थगित कर दिया था. वहीं दूसरी ओर अनगड़ा पत्थर लीज खदान आवंटित करने का भी उन पर दबाव था. वह आनाकानी करते रहे. अंत में लीज आवंटन करने के बाद सत्यजीत ने त्यागपत्र दे दिया था.
Also Read: झारखंड : रांची से गिरिडीह जा रही बस बराकर नदी में गिरी, अब तक 4 लोगों की मौत, 23 घायल